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लेखनी प्रतियोगिता -12-Feb-2023 (मैं कलम हूँ)

सर्वप्रथम माँ शारदे को नमन,
तत्पश्चात "लेखनी" मंच को नमन,
मंच के सभी श्रेष्ठ सुधि जनों को नमन,
कविता 
शीर्षक -- 🌹 मैं कलम हूँ 🌹
दिनांक -- १२.०२.२०२३
दिन -- रविवार
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मैं कलम हूँ, मुझ पर ही  निहित ये संसार है,
स्याही मेरा जीवन है, कागज़ मेरा आधार है।

मुझसे ही हर प्रतिभा, मुझसे ही व्यभिचार है,
मुझसे ही प्रशासन और मुझसे ही सरकार है।

मुझसे ही  दिल मिलते, मुझसे ही  दीवार है,
मुझसे रिहाई  होती है, मुझसे  प्रत्यपकार है।

मैं महज़   इक कलम, मुझमें शक्ति अपार है,
मुझसे ही अभिव्यक्ति, मुझसे ही रोज़गार है।

मुझसे अनिष्ट   है संभव, मुझसे शिष्टाचार है,
मुझसे शांति संभव है, मुझसे ही ललकार है।

मेरे शब्दों  में अग्नि, मेरे वाक्यों में  ज्वाला है,
मेरे द्वारा अलंकृत ये दिनकर और निराला हैं।

मैं कलम हूँ, और मैं चित्रगुप्त की   पहचान हूँ,
चित्रांशों के लिए तो जैसे, मैं अभय वरदान हूँ।

       🙏🌹 मधुकर 🌹🙏
(अनिल प्रसाद सिन्हा 'मधुकर', जमशेदपुर, झारखण्ड)
(स्वरचित मौलिक रचना, सर्वाधिकार ©® सुरक्षित)

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16 Comments

अदिति झा

14-Feb-2023 12:43 AM

Nice 👍🏼

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सुंदरतम अभिव्यक्ति।

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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

13-Feb-2023 02:03 PM

जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका आदरणीय 🙏🙏

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