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लेखनी प्रतियोगिता -14-Feb-2023 इश्क़ का गुलाब



शीर्षक = इश्क़ का गुलाब



रात के 8 बज चुके थे। फरवरी का महीना था, जिसके चलते सूरज ढलने के बाद हल्की हल्की ठण्ड अभी बाकी थी, ऐसे में हाथ में लाल लाल गुलाबों से भरा एक बुके थामे एक लड़का स्टेशन पर आया


स्टेशन सुनसान था, मानो सारे यात्री कही चले गए हो, उस लड़के ने इधर उधर देखा, उसकी तेज तेज चलती साँसो से अंदाजा लगाया जा सकता था, कि वो भागता हुआ आ रहा था


दो घड़ी उसने सास ली, और फिर अपनी निगाहो से किसी को ढूंढ़ने लगा, मानो वो किसी को ढूंढ रहा हो, लेकिन वहाँ तो सिर्फ सन्नाटे के कुछ भी नही था

तब ही अचानक कांधे पर हुए स्पर्श और एक आवाज़ ने उसे डरा सा दिया " क्या हुआ बरखुरदार? किसे ढूंढ रहे हो "

उस लड़के विहान ने पीछे मूड कर देखा तो एक अधेड उम्र का आदमी, खाखी वर्दी पहने उसके पीछे खड़ा था


"म,, म,,, मैं वो,,, वो मैं " विहान ने हकलाते हुए कहा

"क्या हुआ बरखुरदार? इस तरह हकला क्यूँ रहे हो, मैं हूँ यहाँ का स्टेशन मास्टर, कहो किसे तलाश रहे हो " स्टेशन मास्टर ने कहा

"मुझे लगता है मैंने देर करदी 8 बजे वाली ट्रैन जा चुकी है शायद " विहान ने कहा


"हाँ शायद तुमने देर करदी " स्टेशन मास्टर ने कहा

"ये सुन विहान का चेहरा उतर सा गया था, मानो उसे किसी के आने का इंतज़ार था, पर शायद अब वो जा चुकी थी "

उसे इस तरह देख स्टेशन मास्टर ने कहा " तुमने देर कर दी होती, अगर तुम किसी और दिन आये होते, लेकिन आज वो ट्रैन थोड़ा लेट हो गयी है, किन्ही तकनीकी कारणों की वजह से "


स्टेशन मास्टर से ये सुन मानो विहान की डूबती नैया को तिनके का सहारा मिल गया हो, और उसने दोबारा पूछा " सच, क्या आप सही कह रहे है? "


"हाँ, बेटा मैं भला झूठ क्यूँ बोलूंगा? वो ट्रैन इस स्टेशन पर रुकने वाली आखिरी ट्रैन है, अगर वो जा चुकी होती तो तुम्हे यहां मैं नही दिखाई देता, अपने घर चला गया होता " स्टेशन मास्टर ने कहा


"यस, लगता है ईश्वर भी मेरे साथ है," विहान ने कहा

उसे इस तरह खुश होता देख स्टेशन मास्टर ने पूछ डाला " क्या हुआ बेटा? बढ़े खुश लग रहे हो, और ये तुम्हारे हाथ में इतने सारे लाल गुलाब क्यूँ है "

विहान ने उनकी तरफ देखा और बोला " आपको मालूम नही आज 14 फरवरी है, यानी की प्रेम करने वालों का दिन "


"अच्छा!  आज 14 फेब्रुअरी है,लेकिन प्यार तो किसी एक दिन का मोहताज नही होता है, भला जहाँ सच्चा प्रेम हो वहाँ दिन मायने थोड़ी रखते है," स्टेशन मास्टर ने कहा और उसे ले जाकर एक सीट पर बैठ गए


विहान ने उनकी तरफ देखा और बोला " शायद आप सही कह रहे है, लेकिन फिर भी इस दिन बहुत से प्रेमी जोड़े एक दुसरे से अपने प्रेम का इजहार करते है, और इस दिन को एक यादगार दिन की तरह मनाते है "


"और फिर मन भर जाने पर छोड़ कर चले जाते है, उस एक दिन के प्यार को मना कर, वो प्यार ही क्या जिसे मनाने के लिए एक दिन मुकरर्र कर दिया जाए प्रेम तो जन्म जन्मांतर तक ज़िंदा रहने वाली चीज का नाम है " स्टेशन मास्टर जी ने कहा, विहान की बात पूरी होने से पहले


ये सुन विहान थोड़ा सोच में पड़ गया

"इतना जोर मत लगाओ दिमाग़ पर, चलो अच्छा तुम बताओ ये प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले ये गुलाब तुम किसके लिए लाये हो " स्टेशन मास्टर जी ने पूछा

विहान थोड़ा शरमाते हुए बोला " अपनी प्रेमिका के लिए, जिसे आज के दिन अपने इश्क़ का इजहार ये गुलाब देकर करूंगा जब वो अपने अपनी सहेलियों के साथ ट्रिप से वापस आ जाएगी , दरअसल वो मेरे साथ मेरे ही कॉलेज में पढ़ती है,बस फर्क इतना है कि वो गर्ल्स हॉस्टल में रहती है और मैं बॉयज हॉस्टल में,पिछले तीन साल से मैं और वो बस यूं ही एक दुसरे के देख कर बिना अपने दिल की बात बताये हर एक एक दिन काट रहे थे।


लेकिन अब सही समय आ गया है, और आज के दिन से अच्छा समय कोई नही होगा, क्यूंकि हम सबकी परीक्षाएं पूरी हो चुकी है बस परिणाम आने की देर है जो की एक या दो दिन में आ जाएगा , अगर अब भी अपने प्यार का इजहार नही किया तो फिर शायद कभी नही कर पाउँगा


क्यूंकि वो यहां से गर्ल्स हॉस्टल चली जाएगी, और फिर उसके बाद अपने घर,मेरे पास बस थोड़ा ही समय है जिसमे मुझे अपने प्यार का इजहार करना है, मैं जानता हूँ वो मना नही करेगी क्यूंकि मैंने भी उसकी आँखों में वही तङप देखी है, जो मेरी आँखों में है उसके लिए, अगर ऐसा न होता तो फिर वो मुझे अपने आने की इत्तेला जाने से पहले मेरी कॉपी में नोट छोड़ कर न देती, इसलिए ही तो आज मैं बॉयज हॉस्टल की दीवार फलांग कर भागता हुआ यहाँ आया हूँ, लेकिन देखो आज ट्रैन भी लेट हो गयी "


"भगवान करे तुम्हारा प्रेम सच्चा हो, तुम्हारी आँखों में जो चमक दिख रही है और अपने मेहबूब को देखने की उससे मिलने की जो तड़प तुममें दिख रही है, उसे देख कर लगता है की तुम्हारा प्रेम सच्चा है, मेरी यही प्रार्थना है की तुम्हारे प्रेम के रास्ते में कोई रूकावट न आये क्यूंकि प्रेम इस गुलाब के फूल की भांति होता है, जो होता तो बहुत खूबसूरत है लेकिन उस तक पहुंचने से पहले बहुत से काँटों से खुद को जख़्मी करना पड़ता है, और जो की सच्चे प्यार करने वालों की एक तरह से परीक्षा होती है " स्टेशन मास्टर ने कहा


विहान कुछ कहता, तब ही कुछ ऐसा हुआ जिसने उसे रोक दिया कुछ कहने से


एक लड़की कहो या फिर औरत खुद को लाल रंग के जोड़े और बहुत सारे श्रृंगार पटम के साथ वहाँ आयी जिसके हाथ में लाल रंग का गुलाब था और बहके बहके अंदाज़ में बोली " काका,,, काका,, उनकी ट्रैन आ गयी क्या? बताओ न मेरे उनकी ट्रैन आ गयी,, देखो मैं आ गयी,,, उनसे कहो अब वो भी आ जाए,,, बताओ मुझे ट्रैन आ गयी,,, कब आएगी ये ट्रैन,, कब आएंगे वो,,, कब बनूगी मैं उनकी दुल्हन,,, देखो मैं ये क्या लायी हूँ,, गुलाब उनके लिए "


"रानी बिटिया! जा उधर जाकर बैठ जा, तेरी ट्रैन आज थोड़ा देर से आएगी,,, जा बिटिया वहाँ जाकर बैठ,,,, और तू फिर इतनी रात गए अकेली आ गयी,, तुझे डर नही लगता " स्टेशन मास्टर ने कहा


"नही,, नही,, मैं अकेली कहा आयी हूँ,, पूरा गांव आया है मेरे साथ,,, और देखो मैं आज उनको अपने साथ लेकर ही जाउंगी,,, आज आप मुझे कल का दिलासा मत देना,,, आज तो मैं अपने उनको लेकर ही जाउंगी,,," रानी ने कहा और वहाँ से हट कर दूर जाकर बैठ गयी और हाथ में प्लास्टिक का गुलाब का फूल थामे पागलों की तरह हरकतें कर रही थी


विहान ने ये सब देखा तो पास बैठे स्टेशन मास्टर की तरफ देखा, उसके देखने के अंदाज़ से पता चल रहा था कि वो उस लड़की के बारे में जानना चाहता है


"पूछो बेटा, कुछ पूछना चाहते हो,," स्टेशन मास्टर जी ने कहा

इस तरह पूछने पर पहले तो विहान ने घबरा कर मना कर दिया लेकिन फिर हिचकीचाते हुए बोला " काका, ये लड़की कौन है?, मैं आपको काका तो बुला सकता हूँ "

सामने बैठे स्टेशन मास्टर जी मुस्कुराये और रानी की तरफ देखते हुए बोले " ये भी अपने प्रेमी के आने का इंतज़ार कर रही है, तुम्हारी तरह, बस फर्क इतना है तुम्हारी प्रेमिका के आने की उम्मीद तो है पर इसका प्रेमी नही आने वाला "


"क्या हुआ, काका? इसे इसके प्रेमी ने धोखा दिया था क्या? " विहान ने पूछा


"हाँ, बहुत बड़ा धोखा, वादा करके गया था की ज़िंदा लोट कर आएगा लेकिन जब आया तो चार कांधो पर " स्टेशन मास्टर ने कहा

"क्या? मैं समझा नही,, इसका मतलब इसका प्रेमी,,,मर गया है " विहान ने पूछा


"मरा नही शहीद हुआ था, वो भी आज ही के दिन, चंद साल पहले " स्टेशन मास्टर जी ने कहा

"आज ही के दिन, यानी की 14 फेब्रुअरी को वैलेंटाइन वाले दिन " विहान ने पूछा


हाँ बेटा आज ही के दिन, आज ही के दिन जिसे तुम वैलेंटाइन के नाम से पुकार रहे हो, आज ही के दिन इसका मंगेतर अपने अन्य साथियों के साथ आतंकी हमले का शिकार हो गया था, आज ही के दिन वो अपने देश अपनी माटी पर कुर्बान हो गया था।


इन दोनों की शादी जल्द होने वाली थी, जाने से पहले उसने वायदा किया था की वो आज के दिन ठीक इसी समय उससे मिलने आएगा, ताकि वो भी तो आज के खास दिन को अपने प्यार को अपने हाथो से इश्क़ का गुलाब दे सके, लेकिन वो तो नही आया लेकिन उसका मृत शरीर आन पंहुचा

उस दिन के बाद से इसके दिमाग़ ने काम करना छोड़ दिया है, और शाम होते ही लाल जोड़ा पहन कर 8 बजे वाली ट्रैन का इंतज़ार करती है, यही बैठ कर न जाने क्यूँ इसे अब भी लगता है की उसका मंगेतर आएगा, जो की बरसो पहले मौत की आगोश मैं जा चुका है, शायद ये उसका प्रेम है जो उसे खींच कर यहाँ ले आता है हर रोज़


"मेरी ईश्वर से यही प्रार्थना है, की तुम्हारे प्यार को कभी इस तरह से न तड़पना पड़े, तुम जहाँ भी रहो साथ रहो, अच्छा मैं चलता हूँ लगता है ट्रैन आने वाली है, और साथ ही तुम्हारी प्रेमिका भी, " स्टेशन मास्टर नी ने कहा और वहाँ से उठ कर चले गए


विहान दूर बैठी रानी को देखता रहा, जो हाथ में गुलाब लिए बार बार ट्रैन को आता देख रही थी, उसकी आँखों में आंसू आ गए थे। विहान को अफ़सोस हो रहा था क्यूंकि वो तो अभी तक यही समझता था कि आज के दिन दो प्यार करने वालों का मिलाप होता है, लेकिन रानी को देख उसे एहसास हुआ कि आज के दिन बहुत सी प्रेम कहानियाँ खत्म हो गयी थी, आज के दिन वो लोग हमेशा हमेशा के लिए जुदा हो गए थे सिर्फ अपनी प्रेमिकाओ से नही बल्कि अपने माता पिता, भाई बहन, बेटा बेटी दोस्त और भी न जाने कितने अपनों से उन्हें जुदा होना पड़ा था सिर्फ और सिर्फ अपना फर्ज़ निभाने के खातिर 


समाप्त,,,,,


प्रतियोगिता हेतु

नोट = रानी और उसके मंगेतर की कहानी काल्पनिक है, इस कहानी को विहान की कहानी में जोड़ने का तात्पर्य सिर्फ और सिर्फ आज के दिन यानी की 14 फेब्रुअरी जैसा की हम सब हिंदुस्तानी जानते है कि आज के दिन क्या हुआ था भले ही पच्छिम कल्चर के हिसाब से आज प्रेम का दिन है, लेकिन उसके साथ साथ एक और दिन भी है आज जिसे याद रखना हम सब कि ज़िम्मेदारी है,कही कुछ गलत लिख गया हो तो माफ़ी चाहता हूँ 

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5 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

16-Feb-2023 12:55 AM

Nice

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Radhika

15-Feb-2023 05:34 PM

बहुत सुंदर

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बहुत खूब

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