Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -15-Feb-2023 ढाई अक्षर प्रेम का


                       ढाई अक्षर प्रेम का 

                  "शिवानी क्या हुआ ? आज बस नहीं आई क्या ? " गगन ने पूछा।

       "शायद आज बस लेट है। कुछ देर में आ ही जायेगी।" शिवानी ने  गगन को जबाब दिया।

       "शिवानी आज मौसम भी बहुत खराब है और तुम इस समय यहाँ पर अकेली खडी़ हो । इसलिए  मेरे स्कूटर पर बैठो मैं तुम्हें तुम्हारी पी जी तक ड्रौप कर दूंगा।"  गगन बोला।

      " नहीं गगन बस कुछ ही समय में आने वाली है। "  शिवानी ने जबाब दिया।

   लेकिन गगन की जिद व भय के कारण अंत में शिवानी गगन के साथ जाने को तैयार होगयी।

   शिवानी जीवध में पहली बार किसी पराये मर्द के साथ स्कूटर पर बैठी थी। वह गगन से दूरी बनाने की कोशिश कर रही थी परन्तु स्कूटर के ब्रैक  लगती वह गगन से चिपक जाती। 

       शिवानी को भी गगन से स्पर्श अच्छा लगने लगा था। उसके स्पर्श से शिवानी कुछ अद्भुत महसूस कर रही थी।  शिवानी को यह भी नही पता चला कि कब वह अपनी  पीजी पर  पहुँच  गयी। जब गगन ने ही स्कूटर  रोक कर उसको आवाज दी तब उसे याद आया कि उसकी  पी जी आचुकी है।

           बरामदे में खडी़ रजनी उसकी प्रतीक्षा कर रही थी। जब उसने शिवानी को किसी के उतरते देखा तब वह मुस्कराने लगी और उसके आते ही पूछा ,"  यह महापुरुष कौन है जिनसे लिफ्ट लेरही हो क्या कोई-------  ?

     इससे आगे कुछ बोलती उससे पहले शिवानी ही बोल पडी़," तुझे तो बस एक ही चीज नजर आती है। पहले पूछ तो ले यह कौन था और  इससे लिफ्ट क्यौ लेनी पडी़?"

      "तो बतादे बन्नो ऐसी क्या मजबूरी आगयी जो लिफ्ट लेनी पडी़ ?" रजनी ने चिकोटी भरते हुए पूछा।

       "तुझे नजर नही आरहा आज मौसम कितना खराब है ?"

   खराब ! आज तो मौसम कितना बेईमान है और उसपर  भी  किसी मर्द का साथ हो तब तो बात ही क्या है मेरी रानी ?"

       "तू तो बात ही नही सुनती हैं आज मेरी बस नही आई  यदि गगन के साथ नही आती तब सुबह की ब्रेकिंग न्यूज में मेरा ही समाचार ता कि आज फिर एक निर्भया के साथ रेप की घटना। ?"

       "ओह तो उसका नाम गगन है?"

     इस तरह दोनों बहस करती हुई अपने रूम में पहुँच गयी।

       गगन शिवानी के साथ ही बैंक में काम करता था। शिवानी पी जी में रहती थी। और गगन भी एक पीजी में ही रहता था। उस दिन के बाद शिवानी व गगन अक्सर साथ साथ आने जाने लगे। 

      शिवानी भी गगन से घुल मिल गयी। उसे भी इस बात का  पता ही नही चला कि वह उससे प्यार करने लगी।

     यदि गगन शिवानी की पीजी तक पहुँचने में  कुछ लेट होजाता तब शिवानी उसको दसियों फौन कर देती और आने पर नाराज होजाती। शायद इसी  ढाई अक्षर का नाम  प्यार कह लाता है।

    लेकिन गगन को इसका अहसास नही हुआ कि शिवानी उसे प्यार करने लगी है। उसी समय वैलेन्टाइन डे आगया।

   शिवानी ने सोचा इस बैलेन्टाइन पर वह गगन को अपने प्यार का इजहार करके प्रपोज करेगी। शिवानी ने अपनी सहेली रजनी को इसके लिए साथ चलने के लिए बोला।

    रजनी बोली," मै तुम दोनौ के बीच में कबाब में  हड्डी क्यौ बनू। शिवानी पिंक कलर का सूप पहना और एक पार्क में गगन को फौन करके बुलाया।

    गगन ने पूछा," शिवानी आज ऐसी क्या बात है जो पार्क में बुलारही हो।"

   " तुम से कुछ जरूरी  बात करनी थी ?" इतना कहकर शिवानी ने फौन काट दिया।

     शिवानी तो बहुत पहले ही पार्क में पहुँच गयी परन्तु गगन नही पहूँचा तब शिवानी बेचैन होगयी।

      शिवानी की बेचैनी  बढ़ती ही जा रही थी।  शिवानी पार्क के गेट पर खडी़ थी उसकी नजरें सड़क पर थी।  उसी समय उसे गगधसड़क क्राॅस करते हुए  नजर आया।  उसी समय एक ट्रक  आगया और वह गगन के स्कूटर को टक्कर मारकर भाग गया ।

     शिवानी दौड़कर गगन के पास पहुँच गयी। गगन के सिर से खून बहरहा था शिवानी ने अपने दुपट्टे से  उसके सिर को बाँध दिया।और एम्बुलैश एम्बुलैंश की आवाज लगाने लगी।

   उसी समय एक कार वाले की सहायता से शिवानी  गगन को लेकर अस्पताल पहुँच गयी  । अस्पताल में गगन का इलाज चला। शिवानी ने बहुत ही धैर्य से काम लिया। 

        शिवानी की महनत काम आई और गगन को होश आगया। गगन शिवानी का हाथ अपने हाथ में लेकर बोला," शिवानी आई लव यू तुमने मुझे बचा लिया। अब बची हुई जिन्दगी तुम्हारी है।"

      "आई लव यू टू!" इतना कहकर शिवानी की आँखौ में आँसू आगये।

      "नही शिवानी अब तो मै ठीक हूँ अब क्यौ रो रही हो। "

   गगन ने कुछ दिन बाद अपने मम्मी पापा  को शिवानी के बिषय में बताकर उसके साथ शादी करली। 

                           समाप्त
आज की दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।

नरेश शर्मा  " प










   13
5 Comments

Radhika

19-Feb-2023 11:06 PM

बेहतरीन रचना लिखने के बाद एक बार पढ़ लेने से spelling mistake नही होगी 😊

Reply

अदिति झा

17-Feb-2023 10:43 AM

Nice

Reply