लेखनी प्रतियोगिता -15-Feb-2023 ना करो किसी खास दिवस का इंतजार
शीर्षक-ना करो किसी खास दिवस का इंतजार
प्रपोज डे है बड़ा ही खास,
करती हूं प्यार का इजहार।
मां बाप से करती हूं प्यार,
करती उनको मैं इजहार।
मेरे बच्चों से करती प्यार,
करती उनको मैं इजहार।
मेरी दोस्तों से करती मैं प्यार,
करती मैं उनको इजहार।
मेरे जीवन साथी को करती प्यार,
करती में उनको इजहार।
प्रपोज डे सिर्फ नहीं होता इजहार,
सुख दुख के बनी साथी वही होता साथ।
किसकी नजरों में है हमारा मान,
वही रिश्ता होता खासम खास।
जिस से बंधे तुम्हारी प्रीत,
उन्हीं से होती अपनी मीत।
वही है प्रपोज डे की रीत।
रिश्तो का ना हो कोई क्षोर,
ऐसे पकड़ कर रखें डोर।
रिश्ते होते अनमोल,
जिसका ना होता कोई तोल।
जो रिश्तो की डोर को रखे बांध,
प्यार के बंधनों में होता पाश।
ना पड़े रिश्तो में गांठ,
ना रखना रिश्तो में कोई राज।
रिश्ते होते दर्पण,
करना पड़ता है अर्पण।
सीख जाओ यह सब भाव,
यही है जिंदगी का राग।
कोई डे ना करो इंतजार,
रोज करो रिश्तो में इजहार।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा" प्रिया"
Sachin dev
16-Feb-2023 08:15 AM
Nice
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Abhinav ji
16-Feb-2023 07:32 AM
Very nice 👌
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Swati chourasia
16-Feb-2023 06:53 AM
बहुत ही सुंदर रचना 👌
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