सर्वप्रथम माँ शारदे को नमन,
तत्पश्चात "लेखनी' मंच को नमन,
मंच के सभी श्रेष्ठ सुधि जनों को नमन,
विधा -- हरिगीतिका छंद
विषय:- 🌹 स्वैच्छिक 🌹
शीर्षक -- "बेटियाँ"
दिनांक -- १६.०२.२०२३
दिन -- गुरुवार
मापनी -- २२१२ २२१२ २२१२ २२१२
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ईश्वर करे हर बेटियों में, शक्ति का संचार हो।
ईश्वर कभी ना बेटियों का, कोख में संहार हो।।
सारे जगत में बेटियों का, ना कभी व्यापार हो।
माँ बाप के हर दौलतों पर, क्यों नहीं अधिकार हो।।
देता नहीं ईश्वर सभी को, नेमतें संसार की।
देता ख़ुशी ईश्वर उसे ही, समझ जिसको प्यार की।।
ईश्वर करे सब के घरों में, बेटियों का वास हो।
सुख शांति का आभाव ना हो, देवियों का वास हो।।
सब खेल में अव्वल रहे अब, चौकड़ी नभ में भरे।
हर क्षेत्र में अब बेटियाँ भी, काम बेटों सा करे।।
सहमी रहेगी अब कभी ना, ना किसी से अब डरे।
दुर्गा बनेगी बेटियाँ अब, नाश महिषा सुर करे।।
सीता बनी सह राम प्रभु के, वन गमन करती रहीं।
मीरा बनी कान्हा विरह में, दुख सभी सहती रहीं।।
माता कभी बेटी बहन बन, सेवती परिवार को।
अगर पढ़ती है बेटियाँ तो, तारती संसार को।।
🙏🌷 मधुकर 🌷🙏
(अनिल प्रसाद सिन्हा 'मधुकर', जमशेदपुर, झारखण्ड)
(स्वरचित मौलिक रचना, सर्वाधिकार ©® सुरक्षित)
Shashank मणि Yadava 'सनम'
19-Feb-2023 06:02 AM
बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ
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Abhinav ji
17-Feb-2023 09:00 AM
Very nice 👌
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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
17-Feb-2023 12:22 PM
जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका आदरणीय 🙏🙏
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अदिति झा
17-Feb-2023 01:11 AM
Nice 👍🏼
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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
17-Feb-2023 12:21 PM
जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका आदरणीया 🙏🙏
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