Sunita gupta

Add To collaction

दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय भोर की लाली

भोर की लाली 
/////////////////
भोर की लाली मे पंछी कलरव करते है,
उनकी आवाज सभी के मन को लुभाती है ।भोर की लाली ,,,,
भोर मे उठना लाजिमी होता है 
शरीर को स्वस्थ बनालो न मन थकता है ।भोर की लाली ,,,,,,
भोर की लालिमा मे कलियां खिलती हैं
भंबरे गुनगुनाते है फूल हंसते है ।
भोर की लाली,,,,
हवा मंद मंद बहती है मानो सुगंध सुख देती है ।भीनी भीनी खुशबू से मन की 
कलियां खिलती है ।भोर की लाली,,,,
सतरंगी सूरज की रंग बिखेरती हैं
जैसे इंद्रधनुष की छटा दिखती है।
भोर की लाली ,,,,
साएं साएं हवा मे "सरिता"बहती है।
भोर की लाली को नमन करती हैं।
भोर की लाली ,,,,
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर।

   17
7 Comments

Gunjan Kamal

18-Feb-2023 11:10 PM

बहुत खूब

Reply

Renu

18-Feb-2023 06:48 PM

👍👍🌺

Reply

बेहतरीन अभिव्यक्ति

Reply