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लेखनी प्रतियोगिता -19-Feb-2023 "कयामत"

                    "कयामत"

कयामत. . कयामत..कयामत..कयामत... 
लिखा देखा जो यह शब्द, 
मैने कहीं तो.... 
याद गाना पुराना मुझे आ चला है.... 

'करूँगा इंतज़ार कयामत तक तेरा '

यह खयाल मुझको थोड़ा सा रुसवा कर चला है
ये प्यार वफा ये मोहब्बत की बातें 
यह बातें सारी की सारी किताबी बन चली हैं
ना करता है....कोई...इंतज़ार कयामत तक किसी का
अब रिश्ते....वफा के मोबाइल पर बनते बिगड़ते
कहां अब किसी में वो...नरमी बची है 
बचा है...तो बस एक रुतबा बचा है.... 
ना करते हैं देरी ब्लॉक करने में उसको 
कि जिसने कसमें कयामत तक साथ रहने की गढ़ी है....!!

मधु गुप्ता "अपराजिता"











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14 Comments

Gunjan Kamal

20-Feb-2023 11:46 AM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Thank You😊😊

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Punam verma

20-Feb-2023 08:00 AM

Very nice

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बहुत बहुत आभार 🙏🙏😊😊और धन्यवाद...

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बहुत खूबसूरत सृजन

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बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏😊😊और आभार...

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