Ekta Singh

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लेखनी कहानी -20-Feb-2023

               नासूर 
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आज ये कहानी लिखते हुए बहुत दुख हो रहा। क्यूंकि आज मैं अपनी दोस्त को हॉस्पिटल में देख कर अंदर से हिल गई हूँ। और एहसास हुआ कि वह अंदर से कितनी दुखी थी।

हमारी दोस्ती की शुरुआत 2005 में हुई।  वो मेरे सामने दुल्हन बनकर आयी थी।एक बहुत खूबसूरत लड़की उतना ही प्यारा उसका पति था।दोनों की परफेक्ट जोड़ी थे,वैसे दोनों आज भी बहुत परफेक्ट जोड़ी हैं। दोनो दूसरे पर जान देने वाला जोड़ा।
सच में मेरे तो वो दोनों ही बहुत फेवरेट हैं।(प्रीत और जय)

धीरे-धीरे मेरी और प्रीत की बहुत अच्छी दोस्ती हो गई। हम दोनों के बेटे भी करीब -करीब साथ ही हुए। मेरा बेटा 24 अप्रैल उसका बेटा 24 जुलाई हम दोनों बहुत खुश थे।

हमेशा उसके चहरे पर हँसी रहती वैसे ही उसका पति हमेशा खुश रहता। वह बहुत ईमानदार और मेहनती व्यक्ति था।प्रीत एक हाउस वाइफ थी। वो अपने सारे काम को अच्छे से करती। 

ऐसे ही समय बीतने लगा।उसका  दूसरा बेटा भी हो गया।हम दोनों को जब समय मिलता हम एक साथ बैठते ,साथ-साथ लंच भी करते बहुत मज़ा करते और छोटी-छोटी बातों में खुश रहते।

लेकिन उसके जीवन में भी एक समस्या थी। वह अपनी सास से बहुत परेशान रहती थी।वह उनके लिए सब कुछ करती पर वह खुश नहीं रहती।उसको इस बात का बहुत  दुख था।लेकिन हम दोनों एक दूसरे को कह मन हल्का कर लेते।

2016 में वो अपनी फॅमिली के साथ दूसरी जगह शिफ्ट हो गए। 
मुझे उसके जाने को बहुत दुख हुआ था।हम दोनों गले मिलकर खूब रोये थे।

फोन पर हम बात कर लेते थे।घर घर दूर हो गए थे।पर हमारी दोस्ती में कोई कमी नहीं आयी।

लेकिन आज कल वह बहुत परेशान रहने लगी थी।मरने की बातें करती थी।
मेरे घर आती तो बहुत रोती रहती।फिर मैं उसको समझा कर शांत करती।

उसके पति ने बहुत ही खूबसूरत घर बनवाया था हर बात की सुख सुविधाओं का ध्यान रखा हुआ था।लेकिन प्रीति खुश नहीं थी।क्यूंकि उसकी सास उसको बहुत परेशान करती, वो अपने पति कहती तो वह उसको शांत रहते के लिए कह देता।अंदर ही अंदर जय भी बहुत परेशान था एक तरह माँ एक तरह बीवी। वो भी क्या करता ??प्रीत तुम उनकी बातों पर ध्यान मत दो।यह कह देता।जय तो अपने काम पर चला जाता ।लेकिन उसको तो सारा दिन उसी घर में रहना था।

उसकी सास सारा दिन बुराईयाँ अपनी बेटियों से करती रहती।
जब कि वो सारा दिन उनकी सेवा करती और उनका पूरा ध्यान रखती।"लेकिन क्यूं एक औरत ही औरत की दुश्मन है "

2022 में भी वह बहुत बीमार रही।लेकिन उसकी सास को कोई फिक्र ही नहीं। जय उसका अच्छे से ध्यान रखता। 

"मैं समझ नहीं पाती हूँ। कि एक औरत अपने बेटे की कितने मन से शादी करती है, फिर वो उस बहु की दुश्मन क्यू बन जाती है।हमेशा बहू को ही गलत समझा जाता है? लेकिन ये सच नहीं है, बहुत सी जगह सास भी गलत होती है"। 

जैसे हम अपने बेटे और बेटी को माफ़ कर देते है तो बहु को क्यू नहीं माफ़ कर सकते वो बहू भी किसी बेटी है।क्यू बहू के माँ- बाप को गलत कहा जाता है?कमियां हर इंसान में होती है लेकिन हर कोई खुद को अच्छा बताता है।बहू के घरवालो को चोर,झूठा बेईमान कहा जाता।एक बहू पर यह इल्ज़ाम तक लगाए जाते है कि तुम मेरे बेटे की कमाई मायके में देती हो?और ना जाने कितने बेबुनियाद सवाल के कटघरे में खड़ा किया जाता है?? ??

उसी  का अंजाम मेरी दोस्त प्रीत भुगत रही है। उसको 14 फरवरी को अटैक आया उसके शरीर के एक साइड ने काम करना बंद कर दिया।शरीर सुन हो गया। उसका पति तभी आनन-फानन बालाजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया।तीन दिन तक वह आईसीयू में रही।

उसके ब्रेन में कलोटस की समस्या बन गई थी।लेकिन अभी वो ठीक है।बहुत बड़े खतरे से बाहर आयी है। 

लेकिन अब जय को कोई ना कोई फैसला लेना चाहिए। माँ की इज्ज़त करो, उसकी बेइज्जती कभी मत करो। लेकिन उनको भी सही गलत का एहसास कराना पड़ेगा।तभी जिंदगी अच्छे से जी जाएगी।

भगवान से प्रार्थना करूंगी कि दोनों हमेशा खुश रहे। 









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9 Comments

Alka jain

26-Feb-2023 02:36 PM

Nice

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Ekta Singh

20-Feb-2023 07:23 PM

Thanks sir

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Gunjan Kamal

20-Feb-2023 08:47 AM

हमारे समाज में अभी भी बहुत ऐसे परिवार हैं जहां पर ऐसी समस्याएं विद्यमान है। कोई कितना बर्दाश्त करेगा, अंदर की घुटन बढ़कर बीमारी का रूप धर ही लेती है, कभी कभी तो इंसान अपनी जान से भी जाता है। अपनी चलाने के लिए घर बर्बाद हो रहे हैं।

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Ekta Singh

20-Feb-2023 11:14 AM

सही कहा आपने

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