लेखनी प्रतियोगिता -24-Feb-2023 शराबी
गांधी जी का सुविचार "शराब आत्मा और शरीर दोनों का नाश करती है।" यह कहानी एक शराबी की है।
शंकर का अपना ऑटो रिक्शा था। शंकर ऑटो से जितने भी पैसे कमाता था, उसमें से आधे पैसे शराब जुए में खर्च कर देता था। शंकर की पत्नी रानी और उसमें इस बात को लेकर रोज झगड़ा होता था। एक दिन दोनों के बीच इतना ज्यादा झगड़ा होता है कि उसकी पत्नी रानी अपने तीन साल के बेटे राजू को लेकर मायके चली जाती है।
शराबी ज्वारी होने की वजह से आस पड़ोस के लोग भी उसे पसंद नहीं करते थे। एक दो दिन बीवी बच्चे की जुदाई बर्दाश्त करने के बाद, शंकर को अपने बीवी बच्चों की बहुत याद आती है। और अब वह अपनी पत्नी से नाराजगी का गुस्सा पड़ोसियों से शराब पीकर झगड़ा करके पड़ोसियों पर उतारने लगता है।
रोज की लड़ाई झगड़ों से तंग आकर एक दिन सारे मोहल्ले के लोग पुलिस में रिपोर्ट करके उसे जेल में बंद करवा देते हैं।जेल से छूटने के बाद शंकर दस पांच दिन शराब पीकर मोहल्ले वालों से झगड़ा नहीं करता है। और एक दिन दोबारा शंकर फिर पड़ोसियों से शराब पीकर झगड़ा करता है। तो जब दोबारा पड़ोसी पुलिस में रिपोर्ट करते हैं, तो शंकर अपनी ससुराल बीवी बच्चे के पास भाग जाता है।
ससुराल में अपनी पत्नी को नौकरी करते हुए देख कर गुस्से से आगबबूला हो जाता है। और शराब के नशे में अपने सास-ससुर पत्नी से बहुत ज्यादा झगड़ा करता और शंकर सास ससुर से कहता है कि "अपनी बेटी की नौकरी लगाकर उसे जीवन भर अपने पास रखकर उसकी कमाई खाना चाहते हो।" इन सब लोगों के बीच झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि सास-ससुर और उसकी पत्नी शंकर को पूरे गांव के सामने बहुत पीटते हैं। और पुलिस मे रिपोर्ट करके उसे जेल में बंद करा देते हैं।
जेल से छूटने के बाद एक रात शंकर बहुत ज्यादा शराब पीकर अपने तीन साल के बेटे राजू को चोरी छुपे चुप चाप उठाकर अपने घर आने के लिए भाग आता है। उस समय राजू को तेज बुखार था। शंकर रास्ते में से एक शराब की बोतल और खरीद लेता है।
अपने घर आकर जब देखता है कि उस के घर पर ताला नहीं लगा हुआ, तो पड़ोसियों को शंकर गालियां देकर कहता है कि "पूरा मोहल्ला चोर है।" और पड़ोसियों को जब उसकी गाली गलौज बर्दाश्त नहीं होती तो डंडे लेकर उसे पीटने आ जाते हैं। शंकर भी डंडे से पड़ोसी पर हमला कर देता है। मोहल्ले के बाकी लोग आकर झगड़ा शांत करवा देते हैं। लेकिन इस लड़ाई झगड़े में ना जाने कब कैसे राजू का सर फट जाता है।
और राजू के सर से बहुत खून बहने लगता है। शंकर पड़ोसियों से झगड़े के बाद और शराब पीता है। और शराब से एक कपड़ा भिगो कर राजू के सर पर पट्टी बांध देता है। शराब की जलन और बुखार की वजह से राजू तेज तेज रोते-रोते चुप नहीं होता है। तो राजू को दो महीने पहले एक्सपायर बुखार की दवाई पिला देता है। शंकर ने इतनी ज्यादा शराब पी रखी थी, कि उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी, कि राजू को डॉक्टर के पास ले कर चला जाए।और पड़ोसियों से मदद भी नहीं मांग सकता था, क्योंकि पड़ोस के लोग उसे पसंद नहीं करते थे। राजू जब पट्टी करने के बाद और बुखार की दवाई पीने के बाद भी रोते-रोते चुप नहीं होता तो उसको सुलाने के लिए बुखार की एक्सपायर दवाई के ऊपर जबरदस्ती शराब पिला देता है।
और ज्यादा शराब के नशे की वजह से सुबह बहुत देर तक सो कर उठता है। और देखता है कि राजू खून से लथपथ मृत पड़ा है। और सामने टेबल पर घर का ताला भी रखा हुआ है। उसे याद आ जाता है कि शराब के नशे में घर का ताला लगाए बिना वह अपनी ससुराल भाग गया था। और फिर वह बुखार की दवाई कि शीशी देखता है तो वह दो महीने पहले एक्सपायर हो चुकी थी। शंकर को एहसास होता है कि उसने बेफिजूल पड़ोसियों से शराब के नशे में झगड़ा किया इस झगड़े की वजह से उसके बेटे की भी मौत हो गई। और उसे एहसास हो जाता है कि शराब घर परिवार और मनुष्य का नाश कर देती है।
उस दिन के बाद शंकर अपने जीवन की सबसे दुखद घटना को अपने बेटे राजू का फोटो लगाकर पूरी घटना को फोटो के नीचे लिख कर एक पोस्टर बनवाता है। और उस पोस्ट को अपने ऑटो पर चिपका कर दुनिया को शराब की बुराई का एहसास करवाता है। राजू की मौत के बाद उसकी पत्नी उसे तलाक देकर दूसरी शादी कर लेती है।
शंकर का तो अपना जीवन बर्बाद हो जाता है, लेकिन वह दुनिया को शराब की बुराई का एहसास करवा देता है। और उसके इस प्रयास के कारण राज्य की जनता जागृत होकर प्रशासन पर दबाव डालकर शराबबंदी कानून को राज्य मे लागू करवा देती है।
Sushi saxena
26-Feb-2023 10:41 PM
Nice 👍🏼
Reply
Alka jain
26-Feb-2023 02:25 PM
Nice
Reply
पृथ्वी सिंह बेनीवाल
25-Feb-2023 08:34 AM
बहुत ही सुन्दर
Reply