Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -01-Mar-2023 दिव्य प्रेम

शीर्षक-दिव्य प्रेम


प्रेम शब्द पुलकित हुआ, दिव्य प्रेम मन खिला।
नैन देखने को कहे, अधर से सलिल पिला।।


कृष्ण प्रेम रस बढ़ रहा, हृदय में मधु प्रीत।
कृष्ण संग राधा बढ़े, जहां में बने मीत।।

प्रेम शब्द में पवित्रता, जगे वक्ष विश्वास।
बुनो प्रेम का जाल तुम, बंधन में हो आस।।

दिव्य प्रेम द्विज संगम, बहे प्रेम की धार।
बहे मधुर प्रेम का रस, द्विज प्रेम का सार।।

मात-पिता प्रेम निश्चल, उमड़ रही भावना।
बने प्रेम की धार अब, करूं मैं अराधना।।

प्रणय मीत हमने रचे, बने प्रणय की धार।
दिव्य बने जीवन अब, प्रेम रंग का सार।।

लेखिका

प्रियंका भूतड़ा

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6 Comments

Ajay Tiwari

02-Mar-2023 08:50 AM

Very nice

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Punam verma

02-Mar-2023 08:21 AM

Very nice

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