बुरा ना मानो होली है -04-Mar-2023
प्रतियोगिता
4मार्च २०२३
विषय स्वैच्छिक
विधा कुण्डलिया
शीर्षक बुरा ना मानो होली है
1
होली हिल मिल खेलिये, प्रेम भरे हों रंग।
राम करे सब को मिलें ,अच्छे अच्छे संग।
अच्छे अच्छे संग, रंग में सबको रंगना।
हो कोई नाराज , डालिये ऐसा रंग ना ।
कहे विनोदी यार , बोलिये ऐसी बोली।
नफरत जब जल जाय,जानो जल गयी होली
2
होली की हुरदंग में, भरें प्यार का रंग।
रंग भंग होना कभी, रहे रंग और भंग।
रहे रंग और भंग, अंग अंग छाए मस्ती।
हंसती हो गुलनार, किन्तु न भूले हस्ती।
कहे विनोदी यार ,खूब हो हंसी ठिठोली।
कवि कविता के साथ,मनायें जम के होली।
3
पानी डालें सालियाँ, साले डालें रंग।
हम क्यों चुप रह जाएं जी, खूब करें हुड़दंग।
खूब करें हुड़दंग ,अंग से अंग मिलाएं।
भूल जाए सब द्वेष, प्रेम के फूल खिलाए।
कहे विनोदी यार, साल भर रहे निशानी ।
मन से डालो रंग ,न डालो हम पर पानी।
विनोदी महाराजपुर
Gunjan Kamal
04-Mar-2023 06:25 PM
सुंदर प्रस्तुति
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Reena yadav
04-Mar-2023 03:15 PM
🙏💐👌
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