Rakesh rakesh

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लेखनी प्रतियोगिता -09-Mar-2023 एग्रीमेंट

राम सेवक को अपनी दोनों बेटियों के साथ शादी करने के लिए एक ही परिवार के दो लड़के पसंद आ जाते है। दोनों लड़के पढ़े-लिखे थे और अपने पिता की पंसारी की दुकान पर पिता का साथ देते थे। लेकिन दोनों लड़कों के माता-पिता ने पांच लाख रुपए नगद दहेज की मांग कर दी थी

 
रामसेवक को बड़ी मुश्किल से अच्छे लड़के और अच्छा खानदान मिला था। इसलिए वह नगद पांच लाख रुपए दहेज देने के लिए तैयार हो जाता है।

 रामसेवक की दो बेटियां थी। एक 12 बरस का बेटा था। रामसेवक और उसकी पत्नी सीमा एक ही महिला कॉलेज में नौकरी करते थे। महिला कॉलेज की प्रिंसिपल सुशीला दोनों बेटियों की पढ़ाई छुड़वा कर शादी करवाने से रामसेवक और उसकी पत्नी से पहले ही नाराज थी। और दहेज की मांग सुनकर तो रामसेवक और उसकी पत्नी से बहुत ज्यादा नाराज हो जाती है। 

रामसेवक और उसकी पत्नी को शाम को अपने घर बुलाती है। प्रिंसिपल सुशीला के पति वकील थे। शाम को सब के साथ खाना खाने के बाद सुशीला अपने वकील पति से शादी का एग्रीमेंट तैयार करवाती है। और वह शादी का एग्रीमेंट रामसेवक और उसकी पत्नी को को पढ़कर सुनाती है कि "पांच लाख रुपए दहेज के लड़की का पिता रामसेवक देगा। लेकिन दो बरस तक दोनों लड़कों को घर जमाई बनकर रहना होगा।"

 रामसेवक और सीमा से सुशीला कहती है कि "शादी के एग्रीमेंट पर  दोनों लड़कों के साइन करवा लेना। इससे यह भी पता चल जाएगा कि दोनों लड़के तुम्हारी बेटियों के लायक है या नहीं।"

 रामसेवक और सीमा अपनी सीनियर अफसर से संबंध बिगड़ना नहीं चाहते थे, और उन्हें अपनी बेटियों के भविष्य के लिए शादी के एग्रीमेंट में कोई बुराई नजर नहीं आती है।

 सुशीला प्रिंसिपल की गांव में खेती की जमीन थी। शादी के एग्रीमेंट पर दोनों लड़कों से सुशीला प्रिंसिपल साइन करवा लेती है। और रामसेवक की बेटियों से उनकी शादी होने के बाद रामसेवक के दोनों बेटियों और दामादों को अपने गांव की खेती की जमीन पर खेती करने भेज देती है। अपने खेत की जुताई ट्रैक्टर की जगह उनसे बैलों से करवाती है। और किसी भी खेती के पुराने किसान को उनकी मदद नहीं करने देती है।

एक बरस के बाद रामसेवक के दामादों के माता-पिता रामसेवक और उसकी पत्नी से बहुत विनती करते हैं। अपने बेटों से मिलने के लिए। तब सुशील प्रिंसिपल सबको  मिलवाने के लिए अपने गांव लेकर जाती है। दोनों लड़कों के माता-पिता सुशीला प्रिंसिपल से कहते हैं कि "हम तो इसी समय अपनी बहू बेटों को अपने घर लेकर जाएंगे आपने तो मेरे लड़कों को अपना नौकर बना लिया है।"

 तब सुशीला प्रिंसिपल कहती है कि "अभी एक वर्ष बाकी है। तुम्हारे दोनों बेटो को रामसेवक ने पांच लाख रुपए में खरीदा है। और मनुष्य कोई भी चीज खरीदता है, तो फायदे के लिए खरीदा है, ना कि नुकसान के लिए। एक वर्ष में रामसेवक का मूल तो निकल आया है, मुनाफा अभी बाकी है।"

 सुशीला प्रिंसिपल की यह बात सुनकर दोनों लड़के और उनके माता-पिता शर्मिंदा हो जाते हैं। और दोनों लड़कों के मां बाप दहेज के पांच लाख रुपए रामसेवक को वापस लौटा देते हैं। और अपने बहू बेटे को घर ले जाते हैं। 

और शादी के एग्रीमेंट की घटनाएं बढ़ने लगती है। मर्द को बेचने सभी परिवारों की अकल दुरुस्त हो जाती है।

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6 Comments

Radhika

10-Mar-2023 11:05 AM

Kya khoob tarika है

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अदिति झा

10-Mar-2023 09:46 AM

बहुत खूब

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Ajay Tiwari

10-Mar-2023 09:12 AM

Very nice

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