Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय होली

*जब घर रंगे जाए* 
 *तो दिपावली '* 
 *ओर जब घरवाले रंगे जाए* 
 *तो होली ।* 

 *जब घर में दिपक जलाए जाए* 
 *तो दिपावली '* 
 *और* 
 *जब बाहर चौक में अग्नि जलाए* 
 *तो होली ।* 

 *एक में अग्नि ( प्रकाश ) है ।* 
 *एक में जल है ।* 
 *दिपावली भगवान का त्यौहार हैं* 
 *तो होली भक्त का त्यौहार है ।* 

 *जब बाहर रोशनी हो '* 
 *तो दिपावली* 
 *ओर* 
 *जब अन्तर्मन में रोशनी हो* 
 *तो ----होली ।* 

 *आपको  रंगोत्सव होली की अग्रिम शुभकामनायें👏*

सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर 

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7 Comments

Gunjan Kamal

12-Mar-2023 09:55 AM

सुंदर प्रस्तुति

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Wahhh बहुत ही उम्दा सृजन,,, अंतिम lines बहुत ही उम्दा हैं,,, बहुत ही गहरे भाव लिए हुयी कविता है

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