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लेखनी कहानी -11-Mar-2023

"खुदा करे,, 


वो बगैर मेरे खुश है आजकल 
खुश ही रहे खुदा करे 
मुझसे बिछड़कर संभल गए 
जहां भी रहे जैसे भी रहे 
बस खुश रहे खुदा करे 

जालिम जमाने से है आजकल 
याराना उनका 
बेगानों से आजकल है वास्ता उनका 
साथ उनका चाहे जिसका भी हो 
बस वो महफूज रहे खुदा करे 

बिछड़ते वक्त कहां उसने
तुम मर चुके अब मेरे लिए 
उनके मुंह से निकला हर एक 
लफ्ज़ कबूल हो खुदा करे 

वो अक्सर दुआओं में खुदा से मांगते थे हमे 
अगले जन्म की जिंदगी में साथ मांगते थे हमे 
उसकी हर एक दुआएं नाकाम हो खुदा करे 

पछताया में भी बहुत ऐसी मोहब्बत पाकर 
मुझ जैसी मोहब्बत किसी को न मिले खुदा करे 

मुझे छोड़ जाने का जरा भी अफसोस नहीं उसे ए खुदा 
कोई उसे भी बिल्कुल उसके जैसा ही मिले खुदा करे 

बददुआए देना लकी की फितरत में नहीं 
मेरी जो हालत है उसकी जिम्मेदार तुम हो 
इस जिम्मेदारी का तुझे फल जरूर मिले खुदा करे 

_mr_writer_lucky 

Instagram: mr_writer_lucky

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1 Comments

Sachin dev

11-Mar-2023 10:26 PM

Nice

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