भावना
भावना
भव सागर को पार कराए
भाव प्रभु संग प्रीत लगाए
जाकी रही भावना जैसी
दुनिया उसने देखी वैसी।
कोई कहे तेरा रंग सांवरा
कोई कहे मैं हुआ बावरा
कोई बना जोगी सा भटके
कोई प्रेम वश अंतर अटके।
कोई कहे दुनिया एक माया
किसी ने चरणों शीश नवाया
कोई यहां ना तोड़े तिनका
कोई फिरावे मन का मनका।
भावों का है एक समंदर
उठता गिरता एक बवंडर
जीवन क्या है एक सवाल
खोज रहे हम सभी जवाब।।
आभार – नवीन पहल – २१.०३.२०२३😌🙏
# प्रतियोगिता हेतु
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Renu
22-Mar-2023 08:28 PM
👍👍💐
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ऋषभ दिव्येन्द्र
22-Mar-2023 02:38 PM
बहुत ही सुन्दर रचना 👌👌👏👏
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
22-Mar-2023 07:53 AM
Wahhhh बहुत ही खूबसूरत रचना
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