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कविता...

विश्व कविता दिवस 
कविता
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कविता तो वो कविता थी जिसको तुलसी,सूर, कबीर रच गए।
कालीदास, रसखान,जायशी कविताओं के कनक गढ़ गए।।

आज की कविता सूनी सूनी जिसमें वो रसधार नहीं है।
शब्दों का सामंजस्य अधूरा शब्दों में लय और ताल नहीं है।।

मातु शारदे शब्दों का सुन्दर लय ताल बनाती है।
फिर शब्दों की बगिया को नव सुमनों से महकाती है।।

मैं भी कोई कवि नहीं शब्दों का मुझको ज्ञान नहीं।
ये कलम लेखनी मां की है खुद पर मुझको अभिमान नहीं।।

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2 Comments

Renu

23-Mar-2023 08:26 PM

👍👍💐

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बेहद ही खूबसूरत 👌👌

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