लेखनी प्रतियोगिता माता
माता
प्रेम की जोत जगाओ माता,
जन-जन का उपकार करो।
कृपा तुम्हारी सब पर बरसे,
इतना बस इस बार करो।
ज्ञान की किरण पुंज माता,
निपट अज्ञानी हम तो माता।
मेरे सभी विकार मिटा दो,
हे जग जननी हे महारानी।
बुरा ना सोचो बुरा ना बोलूं,
सद्बुद्धि मम हृदय भर दो।
दुर्गुणों की राह छोड़ दूं,
निर्मल मन मेरा कर दो।।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
23.3.2023
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ऋषभ दिव्येन्द्र
24-Mar-2023 12:43 PM
बहुत खूब 👌👌👏👏
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Abhinav ji
24-Mar-2023 07:33 AM
Very nice 👌
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Swati chourasia
24-Mar-2023 06:40 AM
बहुत ही सुंदर रचना 👌
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