Sunita gupta

Add To collaction

स्वैच्छिक विषय राम सहारा

है राम सहारा जन जन का 
तेरे बिन न सहारा कोई नही 

राम तुम्ही मेरे घनश्याम तुम्ही 
नैया के खेवन हार तुम्ही ।

जब से मन मे लगन लगी तेरी 
तेरे दर्शन को प्यासे है मेरे नैना ।

प्रभू आ जाओ पास मेरे हृदय में 
ये मन तुमको पुकार रहा ।

जैसे शबरी को तारा प्रभू मेरे 
वैसे ही मेरा उद्धार करो प्रभू।

जिसने भी मुख से राम पुकारा 
उसका जीवन  हर्ष आवाद हुआ ।

तेरी चितवन पर राम मेरे 
मैने ये जीवन भी बार दिया ।

अपनालो मेरा घायल मन 
ये जीवन मैने हार दिया ।

राम मेरा सहारा हो तुम 
जन जन का भी सहारा बनो।

बस एक तमन्ना है इस जीवन 
की परमार्थ करती जाऊं ।

जिसने मुझको प्यारा संसार दिया 
उनकी भी मै सेवा करती जाऊं।

सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर

   18
8 Comments

Swati chourasia

25-Mar-2023 07:36 AM

बहुत खूब 👌

Reply

बहुत ही सुंदर सृजन

Reply