लेखनी प्रतियोगिता -26-Mar-2023 सागर और नीर
शीर्षक-सागर और नीर
सागर में बहे नीर,
बांटे सदा क्षीर,
जग में होता मीर।
गहराइयों में छुपे अनमोल मोती,
सुनामी की लहरों में सब कुछ खोती,
अपने दुःख कभी न बोलती।
सूरज की किरण छाई पहली
लेकर अपनी चलते कश्ती,
चले मछुआरे लेकर बस्ती।
मन होता सदा निष्पाप,
लंबी दूरी तय करें माप,
सागर को लेता नाप।
सागर से बनते बादल,
बादल करते बरसात,
बढ़ते नलकूप सतत।
जगत की बुझती प्यास,
समुंद्र और नीर होते खास,
मनुज में छाया उल्लास।
सीखो मनुष्य सागर से,
संकट का सामना करना सिखाता,
गहराइयों को हमें दिखाता।
समुंद्र और नीर दोनों है जरूरी,
मनुज इच्छा होती पूरी।
इन बिन दुनिया है अधूरी।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया
Abhinav ji
27-Mar-2023 08:50 AM
Very nice 👌
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
27-Mar-2023 07:47 AM
सुन्दर सृजन
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Reena yadav
27-Mar-2023 06:18 AM
👍👍
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