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उस आईने में भाग : 2

घर के रूम में जाते समय साहिल को बहुत ही अजीब सी फीलिंग होती है। जैसे कुछ तो अजीब हो रहा हैं उसके साथ साहिल कपड़े चेंज करने के लिए वॉशरूम का दरवाजा पकड़ता है, और जैसे खोलने चलता है।


 वैसे ही उसे सुबह वाली बात फिर से याद आती है। और वह रुक जाता है, थोड़ी देर वहीं पर रुक कर व कुछ सोचता है, फिर हिम्मत करके डोर खोलकर वॉशरूम में जाकर कपड़े चेंज करता है। 

कपड़े चेंज करते वक्त उसे फिर से ऐसा लगता है जैसे आईने में कोई है, जो उसे देख रहा है। साहिल आईने की तरफ देखता है। और उसे उस वक्त कुछ भी नहीं दिखाई देता वह सोचता है ,कहीं मैं कुछ ज्यादा ही तो नहीं सोच रहा इस बारे में, और वह खुद को समझाता है और फिर फ्रेश होकर बाहर आ जाता है।

 अपने बेड पर बैठता है ,डिनर करता है ,और कॉलेज का बैग उठाकर कुछ बुक्स उसमें से खोलकर पढ़ने लगता है। कुछ देर पढ़ने के बाद वाह अपने रूम से बाहर निकलता है, और बालकनी पर आकर खड़ा हो जाता है। 

और बाहर देखते हुए कुछ सोचने लगता है, तभी कुछ देर बाद, उसके रूम में से कुछ गिरने की आवाज आती है ।और वह आवाज उसे डरा देती है, साहिल चौक जाता है। और जल्दी से अपने रूम में आता है और देखता है कि उसकी बुक्स जो बेड पर थी, वह बेड से नीचे गिरी हुई है, अचानक से यूं बुक्स का गिरना उसे डरा देता है, वह जल्दी से आकर अपनी बुक्स उठाता है। और उन्हें चूमने के लिए अपने माथे से लगाता है ।

तभी उसे अपने माथे पर कुछ पानी जैसा महसूस होता है, वह अपने माथे पर हाथ लगा कर देखता है तो उसके माथे पर थोड़ा सा खून लगा हुआ दिखता है, वह खून अपनी उंगलियों पर देखकर साहिल डर के मारे चिल्ला देता है।



 तभी उसके मकान मालिक भी ऊपर आकर उसका दरवाजा खटखटाते हैं ,और पूछते हैं - क्या हुआ साहिल तुमने चिल्लाया क्यों? तब साहिल मकान मालिक को कुछ नहीं बताता है और कहता है "कुछ नहीं सर , बस मेरा पैर मुड़ गया। शायद मोच भी आ गई है इसी लिए दर्द की वजह से मेरी चीख निकल गई, यह सुन कर मकान मालिक उस के रूम से बाहर आ जाते हैं ।

साहिल जल्दी-जल्दी अपने माथे का खून पोछता है, और वॉशरूम में जाकर हाथ धोता है, तभी उसे फिर से आईने में वही काला साया दिखाई देता है। इस बार भी साहिल साया देख कर पहले की तरह ही डर कर वॉशरूम से बाहर निकलना चाहता है। मगर निकल नहीं पाता, क्योंकि इस बार उससे दरवाजा खुलता ही नहीं है। ऐसा लगता है दरवाजा किसी ने लॉक कर दिया है, साहिल कई बार दरवाजा खोलने के लिए ट्राई करता है ।मगर दरवाजा नहीं खोल‌ पाता। साहिल दरवाजे के पास ही खड़ा हो कर चिल्लाता है ,खोलो !खोलो ! प्लीज - कोई यह दरवाजा खोलो । 

लेकिन उसकी आवाज उस वॉशरूम से बाहर नहीं जा पाती। तभी वह फिर से आईने की तरह मुंह करता है, और वह काला साया अभी भी वही दिखता है । साहिल और भी ज्यादा घबरा जाता है।

और डरते डरते पूछता है ,कौन हो - तुम कौन हो ? और मुझे क्यों परेशान कर रहे हो ? तुम्हें मुझसे क्या चाहिए? मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है? तुम मुझे क्यों परेशान कर रहे हो? यह सब बोलते बोलते साहिल को रोना आ जाता है। और साहिल वहीं पर बैठकर अपने हाथों को मुंह पर रखकर रोने लगता है । और जब रोता हुआ साहिल कुछ देर रोने के बाद वह अपने चेहरे पर से हाथ हटाता है ।

तो वह देखता है वॉशरूम में अजीब सी शांति है ।सब कुछ बहुत शांत लग रहा है। वह दरवाजा खोलता है ,और वॉशरूम का दरवाजा एक ही बार में खुल जाता है। साहिल थोड़ा सोच में पड़ जाता है। साहिल सोचता है इतनी आसानी से दरवाजा कैसे खुल गया।

साहिल को कुछ समझ नहीं आता। कि उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। और वह यही सब सोचता है वह अपने बेड पर आंखें बंद करके सोने की कोशिश करता है ।लेकिन सो नहीं पाता ,और यही सब सोचते हुए ,उसे अपने वॉशरूम में कुछ गिरने की आवाज सुनाई देती है ।साहिल जल्दी से उठता है, और हिम्मत करके अपने वॉशरूम में जाता है ।तो वह वही पर गेट के पास ही खड़ा होकर देखता है ,तो उसे आईने में काले साये की जगह - उसे काला साया दिखा था, अब वहां पर खून से हेल्प(HELP) लिखा हुआ था।



साहिल जैसे ही आईने पर हेल्प लिखा हुआ देखता है , वह घबरा जाता है ।और जल्दी से बाथरूम के बाहर आता है ,और अपने बेड पर बैठ कर अपने माथे का पसीना पोछते हुए बोलता है , यह क्या था ?

 क्या किसी को मुझसे मदद चाहिए। और यह कौन है ?जो मेरी मदद चाहता है, साहिल को कुछ समझ नहीं आता ,और वह अपने माथे का पसीना पोछ कर हिम्मत जुटा कर खड़ा होता है। और बाथरूम का दरवाजा खोलकर अंदर जाता है और पूछता है कौन हो तुम? क्या चाहते हो मुझसे ? मेरी क्या मदद चाहिए तुमको ? 

तभी आईने पर लिखा हुआ हेल्प(HELP) गायब होने लगता है ,और बाथरूम में अचानक से हल्का धुंआ उठने लगता है, और साहिल बेहोश होकर वही फर्श पर गिर जाता है। और जब साहिल बेहोश होता है, बेहोशी की हालत में उसे वही काला साया नजर आता है। जो उसे आईने में दिखा था। साहिल उनसे पूछता है ,आप कौन हैं ?और आपको मेरी क्या मदद चाहिए ?

इस पर वह साया जो काले रंग का था , सफेद रंग का हो जाता है साया सफेद कपड़ों में एक लड़की का रूप ले लेता है। तब वह लड़की कहती है -हैलो साहिल ! मेरा नाम सुनैना है ।और मैं इसी रूम में रहती थी। 

आज से 6 महीने पहले मैं भी तुम्हारी तरह कॉलेज की पढ़ाई के लिए अपने गांव से यहां आई थी ।और मुझे कोई और जगह नहीं मिली ,तो मैं यहां तुम्हारी ही तरह पेइंग गेस्ट थी । लेकिन मेरे साथ जो हादसा हुआ - वह बहुत ही दिल दहला देने वाला था ।

 ये मकान मालिक जो शुरुआती दिनों में मेरे साथ बहुत ही अच्छा व्यवहार करता था। एक दिन जब मैं कॉलेज से वापस आई , तो मैंने देखा घर में मकान मालिक नहीं था । और मैं सीधे अपने रूम में आ गई , डिनर किया और पढ़ रही थी । कि तभी मकान मालिक शराब पीकर घर पर आया ,और चीजों को इधर-उधर गिराने लगा ,चीजों के गिरने की आवाज सुनकर मैं अपने रूम से नीचे उतर कर देखने गई तो, मैंने देखा मकान मालिक शराब के नशे में चूर था । और वाह बिल्कुल भी होश में नहीं था ।

तभी उसकी नजर मेरे ऊपर पड़ी, और वह सीढ़ियां चढ़कर मेरी तरफ आने लगा। मुझे कुछ अच्छा महसूस नहीं हुआ, तो मैं वापस अपने कमरे में जल्दी से आ गई , और दरवाजा अंदर से बंद करने लगी। लेकिन मकान मालिक के एक ही धक्के से दरवाजा खुल गया ‌।

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9 Comments

The story

14-Mar-2022 11:23 PM

गुड स्टोरी👌👌👌👌👌👌👌👌👍👌👌👌

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Simran Ansari

24-Feb-2022 06:13 PM

Nice

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Zakirhusain Abbas Chougule

16-Dec-2021 11:02 PM

Nice

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