Ekta Singh

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प्रेम जाल




धीरे-धीरे नम्रता के मन में दीपक के लिए कुछ एहसास जागने लगे।

थोड़े दिनों बाद नम्रता ने  मोबाइल खरीद लिया।
इससे पहले वह लैंडलाइन पर बात करती थी।

(आज से 15 साल पहले की बात करे तो स्मार्ट फोन का ज़माना नहीं था।)

वह जॉब के लिए सुबह 9:00 बजे निकलती और शाम को 4:00 बजे तक घर आती।

दीपक-हाय कैसी हो?
नम्रता-मैं ठीक हूँ तुम कैसे हो?
दीपक-आज तुम काले रंग की साड़ी में बहुत गजब लग रही थी।
नम्रता-तुमने कहाँ देखा मुझे?
दीपक-तुम्हारा दीवाना हूँ। तुम्हारी हर खबर रखता हूँ।
नम्रता-सच बताओ ना कब देखा?

दीपक-जहाॅ पर तुम जॉब करती हो वहाँ पर ही मेरा एक जान पहचान वाला दोस्त है।
नम्रता- अच्छा जी ये बात है।

दीपक -तुम जैसे ही 4:00 बजे निकली उसके बाद तुमने रिक्शा लिया फिर मैं तुम्हारे घर तक तुम्हारे पीछे-पीछे ही था।

नम्रता-मैंने तो तुमको कभी भी नहीं देखा?

दीपक -चिंता मत करो एक दिन मैं तुम्हें अपना चेहरा दिखा दूँगा।

नम्रता-इतना हीरो बनने की कोई जरूरत नहीं है मुझे इतना कोई शौक नहीं है तुम्हें देखने का।

दीपक-हाहा हाहा हाहा हाहा हाहा हाहा 

नम्रता-ज्यादा हंसने की जरूरत नहीं है।

अब नम्रता उसकी एक झलक देखना चाहती है।
लेकिन दीपक हवा के झोके की तरह नम्रता के आगे से निकल जाता।लेकिन वह उसका चेहरा नहीं देख पाती है।

लेकिन उसके डीलडोल से पता चल गया था कि दीपक का ऊँचा लंबा कद,छरछरा बदन,रंग गोरा और बहुत ही आकर्षित व्यक्तित्व है।

एक दिन नम्रता अपने घर थी।वह उसके घर के आगे से अपनी मोटरसाइकिल निकल कर ले जाता है।और फोन कर बताता है कि मैं तुम्हारे घर के आगे से निकला हूँ।

नम्रता उसका मजाक बनाती है कि हां निकली थी एक खटारा मोटरसाइकिल?हाहाहा हाहाहा 

दीपक को बहुत बुरा लगता है। 

अगले दिन ही एक नई मोटरसाइकिल खरीद लेता है।
नम्रता यह देख बहुत अचंभित हो जाती है।
यही सिलसिला चलता रहता है।

उधर शेरी कभी बहुत ठीक लगती, कभी बीमार,  बहुत मुश्किल था, उसको समझना।लेकिन शेरी इतनी समझदार थी कि बाहर किसी को महसूस भी नहीं होने देती कि वह किस तरह से दिमाग की बीमारी से लड़ाई कर रही है।
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क्या दीपक नम्रता के सामने आयेगा?क्या वह प्यार का इजहार करेगी? शेरी का क्या होगा? जानने के लिए पढते रहे ?

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2 Comments

Vedshree

01-Apr-2023 11:20 PM

👌👌👌

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बेहतरीन भाग

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