मजबूरी थोड़ी है
जितना आप समझते है उतनी ज़रूरी थोड़ी है...
ज़नाब मोहोब्बत है आपसे कोई मजबूरी थोड़ी है...
दिल ने ये फैसला दिल से किया है....
आपकी तरह कोई दिमागी या फितूरी थोड़ी है....
गुरुर था हमारे साथ को आपके साथ पे....
इश्क़ है ये साहब कोई मगरूरी थोड़ी है...
बस आपसे मोहोब्बत हमने मंज़ूर करली...
अब आपके हर फैसले मे हमारी मंज़ूरी थोड़ी है...
वो बात अलग है के आपकी चाहत मे हम खुद को पूरा समझते थे....
ये बस चाहत है हमारी कोई माज़ुरी थोड़ी है...
हाँ माना एक बार फैसला तुम्हारे हक़ मे किया था...
अब हर बार फैसला ऐसा ही हो ज़रूरी थोड़ी है....
ज़नाब बस इश्क़ था आपसे....
कोई मजबूरी थोड़ी है....
मुन्तहा सिराज खान
Deepak Dangaich
23-Oct-2021 12:56 PM
Nice
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