प्रेम जाल
नम्रता-मां यह जॉब इस महीने ही करूंगी। इतनी मेहनत करने के बाद भी पैसे नहीं बढ़ाते। और हर महीने अलग-अलग टारगेट्स दे देते हैं।
मुझे एक स्कूल से ऑफर आया है उधर ज्वाइन कर लेती हूँ।
माँ-ठीक है बेटा जॉब छोड़ दे,स्कूल में जॉइन कर ले। बेटा ज्यादा टेंशन मत ले।अब थोड़ा बहुत तेरे पापा का काम भी चल पड़ा।
शेरी-दीदी एक बात कहूं दो-तीन दिन का ब्रेक ले लो ना। कहीं घूमने का प्रोग्राम बनाते हैं थोड़ा ब्रेक हो जाएगा।
वीनू दीदी कितने दिन से बुला रही है। दो दिन के लिए रहना भी हो जाएगा और कुछ शॉपिंग भी कर लेंगे।
नम्रता-सही कहा। यह तो अच्छा आईडिया है। माँ इस बारे में आप क्या कहती हो। हम दोनों चले जाएं क्या?
माँ-ठीक है मैं तुम्हारे पापा से बात कर लूंगी।
दोनों बहने जाने की तैयारी करने लगती हैं।
अगली सुबह दोनों बहने बस से दिल्ली रवाना हो जाती है।
(बीनू दीदी उनकी बुआ की बेटी है। जोकि दिल्ली (लाजपत नगर) में रहती हैं। वहीं पर दोनों बहने पहुँच जाती हैं। दीदी की शादी को 6 साल हो चुके हैं। उनकी एक प्यारी सी बेटी भी है। उनके हस्बैंड बिजनेसमैन है। वीनू दीदी की छोटी सी प्यारी एक फैमिली है।)
वीनू दीदी-आखिरकार तुम दोनों को मेरे से मिलने की फुर्सत मिल गई।
नम्रता-क्या दीदी ऐसी क्यों बात करती हो। आप तो सब कुछ जानती हो।आप से कुछ छुपा है क्या?
वीनू दीदी-अरे यार मैं तो मजाक कर रही हूँ। आओ चलो बैठो।
शेरी-दीदी मानसी कहाँ है उसे देखे हुए कितने दिन हो गए।
बीनू दीदी-बस अभी आती ही होगी उसकी वेन आने का टाइम हो गया है।
शेरी-दीदी वह जब आए तो उसको को बताना मत। मैं छुप जाऊंगी जब मानसी आएगी।
बीनू दीदी-मुस्कुराने लगती हैं
शेरी-दीदी बहुत मजा आएगा।
बीनू दीदी रसोई में जाकर दोनों के लिए चाय नाश्ता ले आती है। तीनों बहने मौज मस्ती करती हुई नाश्ता इंजॉय करती हैं।
थोड़ी देर में ही मानसी की वैन आ जाती है।
मानसी-मम्मा आज कोई घर में आया है क्या?
दीदी-नहीं मेरे बच्चे तुम्हें ऐसा क्यों लग रहा है?
पीछे से शेरी और नम्रता आकर मानसी को ठप्पा करती हैं।
सर प्राइस मानसी (प्यार से गले लगाया)
मासी आप ???मुझे पहले ही लग रहा था कोई आया है पर मम्मा मुझे नहीं बता रही थी।
शेरी मानसी को गोद में उठा लेती है। और उसको बहुत सारे गिफ्ट पकड़ा देती है। सब मिलकर मानसी के साथ खेलने लगते हैं। लेकिन इसी बीच बार-बार दीपक का फोन भी आता है।
लेकिन नम्रता नहीं उठाती।
शेरी और मानसी दोनों दूसरे कमरे में रेस्ट करने चले जाते हैं।
बीनू दीदी-नम्रता किसका फोन है। तू उठा क्यों नहीं
रही।
नम्रता-नहीं! नहीं !वह घबरा जाती है।दीदी ऐसी कोई बात नहीं है??
बीनू दीदी-बता दे। यार अपनी बहन से नहीं छुपाते।
नम्रता-फिर सारी बात वह वीनू दीदी को बता देती है।
बीनू दीदी-यह ऐसी-कैसी दोस्ती है तुम लोग एक बार भी मिले भी नहीं हो?
नम्रता-दीदी मुझे बहुत डर लगता है छोटा शहर है, बात उड़ जाती है ,और बदनामी हो जाती है।
वीनू दीदी -मैं समझती हूँ।उसको कभी दिल्ली बुला ले।मैं भी मिल लेती हूँ।
नम्रता-दीदी मैं उसके बारे में कुछ खास नहीं जानती
वीनू दीदी-चल कोई बात नहीं धीरे-धीरे पता लगा ले। उसके बारे जानने के लिए मिलना जरूरी है समझ आया तभी कुछ आगे सोचा जायेगा।समझ आया बहना (हसते हुए)
उसी बीच जीतू (जीजाजी)आ जाते है सब मिल कर डिनर खाते हैं।
सब मिलकर सैर करने निकल जाते हैं।फिर जीजाजी हम सब को ग्यानी आइसक्रीम खिलाते हैं।सब मस्ती करते हुए आइसक्रीम इंजॉय करते हैं।
अगले दिन दिल्ली की सुबह ••••••••••••
दीदी जल्दी उठकर जीजाजी का ब्रेकफास्ट और लंच रेडी करती है।
नम्रता शेरी और मानसी घोड़े बेच कर सो रहे होते है।
दीदी जीजाजी को भेजकर हम सब की लिए चाय ले आती है।
तीनों बहने चाय के मज़ा लेती हैं।
वीनू दीदी --सब लोग फ्रेश हो जाओ। मैंने सबके लिए वडा -पाव बनाया है। मानसी की आज छुट्टी करा दी है।फिर सब लोग शॉपिंग के लिए कनॉट प्लेस चलेंगे।
सब लोग खुश हो जाते है।
आज सभी का दिन बहुत अच्छा जाता है जम कर शॉपिंग करते है।
फिर शॉपिंग बैग उठाए हुए सब बीकानेर रेस्टोरेंट में लंच के लिए चल पड़ते हैं।
घर लौटते- लौटते 5:00 बज जाते हैं। फिर ऐसे ही बातों -बातों में रात हो जाती है। सभी लोग बहुत थक गए थे। दीदी जीजा जी को खाना लगा कर दे देती है।
हम सब लोग टाइम से सो जाते हैं।
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दीदी ने यह क्यों कहा कि दीपक से मिलना जरूरी है? तभी उसको जान पाएंगे?आप को क्या लगता है? जानने के लिए पढ़ते रहिए।
Vedshree
01-Apr-2023 11:20 PM
👌👌👌🌸
Reply
Ekta Singh
02-Apr-2023 08:20 PM
Thanks
Reply
पृथ्वी सिंह बेनीवाल
31-Mar-2023 02:15 PM
बेहतरीन
Reply
Ekta Singh
02-Apr-2023 08:20 PM
Thanks
Reply
Varsha_Upadhyay
30-Mar-2023 08:42 PM
शानदार भाग
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Ekta Singh
30-Mar-2023 11:29 PM
Thanks mam
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