प्रेम जाल
अगली सुबह नम्रता और शेरी दीदी से विदा लेकर अपने घर चल देते हैं।
दोनों बहने बस में बैठ जाती हैं।
नम्रता दीपक के बारे में सोचने लगती हैं।कि वह कब उससे मुलाकात करेंगी।मन ही मन मुस्कराने लगती है।इतने में कंडक्टर कहता टिकट ले लो मैडम नम्रता दीपक के ख्यालो से बाहर आती है।
और टिकट लेती है।
बस में एक गाना चलने लगता है नम्रता फिर उस गाने में खो जाती है
सांस आती है सांस आती है।
सिर्फ मुश्किल है इंतजार तेरा।
आंसुओं की घटाएं पी पी के।
अब तो कहता है यही प्यार मेरा।
जिंदा रहने के लिए तेरी कसम।
जिंदा रहने के लिए तेरी कसम।
एक मुलाकात जरूरी है सनम।
एक मुलाकात जरूरी है सनम।
(नम्रता उसके ख्यालो से बाहर ही नहीं आना चाहती।)
शेरी-दीदी चलो हमारा इसटोप आ गया ।
दोनों उतर कर रिक्शा लेती है और घर पहुँच जाती हैं।
दोनों फिर बहने मम्मी पापा के पास बैठ सारी बातें बताने लगती है।
थोड़ी देर में उठकर कर मम्मी सब के लिए खाना लगा देती हैं।
शेरी-वाह! मम्मी आज राजमा चावल बने हैं मज़ा आ गया। सब मिल कर खाने लगते है।
दोनों बहने आराम करने चली जाती है।
कुछ देर में दीपक का फोन आ जाता है नम्रता फटाफट उठा लिया।
दीपक-हाय कैसी हो?दीदी के पास जाकर मुझे भूल गई।कितने दिन बाद तुम्हारी आवाज सुनने को मिली है।
नम्रता- शेरी का बहुत मन था।इसलिए चली गई।
ये जॉब भी रही हूँ कल से रुक्मिणी पब्लिक स्कूल जॉइन कर रही हूँ।
दीपक- टीचिंग लाइन??
नम्रता-नहीं एकाउंट डिपार्टमेंट और रिसेप्शन भी संभालना पड़ेगा।
दीपक-अच्छा जी तुम तो बहुत बिजी हो जाओगी।
मेरे लिए तुम्हें टाइम ही नहीं होगा?
नम्रता-धीरे से मुस्कुराने लगती है
दीपक-मुझसे कब मिलोगी?
नम्रता- जब तुम कहो। तुम्हें मेरा बर्थडे याद है?
दीपक-सॉरी यार मैं भूल गया अगले हफ्ते है ना?
नम्रता-शुक्र है कुछ तो तुम्हें याद है?
दीपक-बोलो बर्थडे पर क्या गिफ्ट चाहिए?
नम्रता-मुझे कुछ नहीं चाहिए?
दीपक-चलो बर्थडे वाले दिन कहीं बाहर चलते हैं मेरी बाइक पर बैठकर चलोगी?
नम्रता-चलो पक्का वादा रहा।
दोनों फोन कट कर देते हैं।
शेरी-दीदी यह आप किस से बात करती हो कौन है? पापा को पता लगा तो वह बहुत गुस्सा होंगे?
नम्रता-जस्ट चिल बहना यह बस जस्ट फोन फ्रेंड है।
शेरी- ठीक है दीदी
नम्रता-तू मेरी ज्यादा जासूस मत बन। अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें।अकाउंट का ट्यूशन लगा ले।
शेरी-दीदी आप बात कर लो ना।
नम्रता-चल ठीक है मैं महेश्वरी सर से बात करती हूँ। वह अच्छा अकाउंट पढ़ाते हैं।
नम्रता उठकर किचन में चली जाती है शेरी पापा के साथ बैठकर टीवी देखने लगती है।
नम्रता-मम्मी तुम बैठो पापा के पास मैं खाना बनाती हूँ।
मम्मी चली जाती है नम्रता खाना बनाने लगती है और साथ में एफएम ऑन कर देती है।
ऐसा लग रहा था जैसे रेडियो को पता लग गया है कि उसे कौन सा गाना सुनना है उसका मनपसंद
गाना आ रहा होता है।
नम्रता भी गुनगुनाने लगती है
(मुझसे मोहब्बत का इजहार करता काश कोई लड़का मुझे प्यार करता)
नम्रता खाना लगा देती है और चारों बैठकर डिनर कर लेते हैं।
अगली सुबह बारिश का मौसम हो रहा था। हवाएँ तेज चल रही थी।
नम्रता-मम्मी चाय लेकर बाहर ही आ जाओ दोनों साथ में ही पीते हैं।
मम्मी चाय लेकर बैठ जाती हैं।
मम्मी-तुम जल्दी उठ गई?सुन एक बात बोलू मेरठ से तेरे लिए रिश्ता आया है
नम्रता-मुझे नहीं करनी शादी पापा को मना कर देना
हां मम्मी अब 8:00 बजे तक स्कूल पहुंचना होगा। पहले 9:00 बजे जाना होता था।
मम्मी-चल मैं तेरे लिए लंच पैक कर देती हूँ।
नम्रता जाकर तैयार हो जाती है।थोड़ी ही देर में वह स्कूल के लिए निकल जाती है।
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क्या दीपक नम्रता के सामने आयेगा?नम्रता के लिए किसने रिश्ता भेजा था? जानने के लिए पढ़ते रहें।
shahil khan
10-Apr-2023 09:39 PM
nice
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प्रत्यंगा माहेश्वरी
07-Apr-2023 07:06 AM
बहुत सुंदर 👌👏
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डॉ. रामबली मिश्र
31-Mar-2023 06:28 PM
शानदार भाग
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Ekta Singh
02-Apr-2023 08:21 PM
Thanks sir
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