Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -03-Apr-2023 जोड़ो रिश्तो के तार

शीर्षक- जोड़ो रिश्तो के तार
भगवान ने दिया उपहार,
रिश्तो का किया अनुदान,
 करो रिश्तो का श्रृंगार।

वाणी बने सदा माधुरी,
खिले प्रणय की पंखुरी,
मनुष हित न बने चातुरी।

न करो किसी से बैर भाव,
चलो बसाते मीत गाॅंव,
सुन प्रणय के गीत थिरके पाॅंव।

सहज सरल बनाओ रिश्ते,
इन्हीं से परिवार हॅंसते,
रिश्तो की डोर बुनते।

अनमोल होते ये धागे,
क्यों फिर अपनों से भागे,
संभालो इन्हें बढ़कर आगे।

सजता है इनसे द्वार,
कोयल गाये मधुगान,
जोड़ों अब रिश्तो के तार।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया

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5 Comments

Varsha_Upadhyay

04-Apr-2023 07:16 PM

बेहतरीन

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Punam verma

04-Apr-2023 08:49 AM

Very nice

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