Vishal Ramawat

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THE WORST ANIMAL(HUMAN)-45


सभी ने मिलकर मौली को बहुत ढूंढा पर मौली उन्हें कही नही मिली । उन्ह सभी के पसीने छूटने लगे कि उन्होंने मौली की जान खतरे में डाल दी। अगर उन्होंने जल्दी से जल्दी मौली के बारे में पता नहीं लगाया तो वह लोग मौली के साथ भी वह सब करेंगे और फिर उसे मार देंगे । यह सब सोचकर ही वो सभी लोग अंदर से हिल रहे थे । पुलिस ने जल्दी से कमिश्नर को कॉल किया गया और कमीशन को सारी बात बताई तो कमिश्नर बहुत गुस्सा हो गए पुलिस वालों पर। पुलिस के होते हुए वह लोग मौली को कैसे लेकर गए समझ में नहीं आ रहा था।

कार्तिक जल्दी डीन के ऑफिस में भागा सभी लोग उसके पीछे पीछे भागे उधर कार्तिक तो जल्दी से जाकर डिन सर के कंप्यूटर को ऑन किया और उसमें कैमरे की रिकॉर्डिंग ढूंढने लगा। कुछ ही देर में गेट के पास लगे कैमरा दिखाई दिया जिसमें मौली गेट पास बने गार्डन में जाति दिखाई दे रही है। कि उस तरफ क्यों गई थी या वह किसी के पीछे पीछे गई थी । अगर वह किसी के पीछे गई थी है तो किसके कभी समझ में नहीं आ रहा था।

क्योंकि पुलिस वाले गेट के बाहर खड़े थे तो मॉर्निंग बाहर गई होती तो दिखाई देती गेट के पास बने गार्डन की ओर जाती दिखाई दि।

आसपास ने जितने भी कैमरे थे सभी को छान मारा पर कहीं भी कुछ भी पता नहीं चला क्योंकि किसी भी कैमरे मौली दिखाई नहीं दे रही थी । सिर्फ एक कैमरे में गार्डन की तरफ जाती हुई दिखाई दी।

पुलिस वालों ने उसे बाहर नहीं देखा मतलब गार्डन में ही थी वो। तो सभी लोग जल्दी से  ऑफिस से बाहर निकले और गार्डन की तरफ भागे । वहा जाकर देखा तो वहां मौली का फोन गिरा हुआ पड़ा था उसके सैंडल भी वहीं पड़े थे थोड़ा आगे।

थोड़ा  आगे और गए तो उन्हें एक फोन दिखाई दिया तो किसका था पता नहीं। पुलिस ने फोन अपने कब्जे में ले लिया और सारे एविडेंस इकट्ठा करने लगे। वहां एक टेबल लगा हुआ था जिससे शायद यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि उन लोगों ने मौली को यहां से उठाकर ही दीवार पार करवाई है।

पुलिस ने सारे सबूत जल्दी से इकट्ठा किए और कमिश्नर ऑफिस की ओर निकल गए। कार्तिक आदित्य दोनों पुलिस की गाड़ी में ही थे । पुलिस का सायरन तेजी से बज रहा था और गाड़ी स्पीड से कमीशन ऑफिस जाकर रुकी।

जो फोन मिला था वह स्विच ऑफ था, उसे जल्दी से एक टीम को दे दिया गया और उसे जल्दी से खोलने के लिए बोला गया। बाकी सभी कमिश्नर सामने बैठे थे कमिश्नर पुलिस वालों को सुना रहा था। उनके होते हुए वो लोग मौली को कैसे उठा ले कर गए । अब जो हो चुका है उसको तो बदला नहीं जा सकता उन्होंने खुद को शांत किया और आगे की प्लानिंग कर पाते।

तब एक हवलदार आया और बोला सर कॉलेज में जो मोबाइल फोन मिला था उसको ओपन कर लिया गया है और उसमें बहुत सारी डिटेल मिली, एक बार आप देख लीजिए। सभी उस रूम की और गए । उस फोन में बहुत सारी रेप की वीडियो थी। कुछ नंबर मिले जिस पर लास्ट बार बात हुई  थी । उस नंबर से एक व्हाट्सएप चैट मिली जिसमें एक बंदे के द्वारा उसे मौली का फोटो और एड्रेस आया हुआ था।

बाकी लोगों से बात भी हुई थी कुछ ही देर पहले की तो उनके भी नंबर थे। पुलिस ने जल्दी से उन नंबरों को  ट्रैक किया और उसके पीछे  निकलने की तैयारी करने लगे तो कमीशन बोला इस बार गलती नहीं होनी चाहिए ।अगर मोनी को कुछ भी हुआ या उससे गलती से भी खरोच आई तो याद रखना मैं तुम सभी को सस्पेंड कर दूंगा । इस लड़के ने पुलिस पर भरोसा करके अपनी दोस्त की जान दांव पर लगाई थी और अगर पुलिस अपना काम सही से नहीं करेगी तो लोगों का पुलिस पर से भरोसा उठ जाएगा।

पुलिस ने जल्दी से अलग-अलग गाड़ियां निकाली और उन लोगों को ट्रैक करके उनकी पीछे निकल गए। पुलिस की गाड़ियां तेजी से हाईवे पर चल रही थी वह किसी जंगल की लोकेशन बता रही थी ।

इस बार कमिश्नर पूरी रिकॉर्डिंग देख रहा था सब कुछ।  सभी कॉन्फ्रेंस कॉल पर थे अभी भी । डीआईजी भी पूरे प्लान को अपनी निगरानी में करवा रहे थे । अब कुछ और कुछ सावधानी से किया जा रहा था । कुछ ही देर में लोग जयपुर शहर से बाहर निकल गए थे उन्हें चलते-चलते कम से कम एक से डेढ़ घंटा हो गया था और अब उनकी लोकेशन दिखाई देना बंद हो गई थी।

उन लोगो की लास्ट लोकेशन देखी थी वह जंगल की थी। जहां जाके उन लोगों ने गाड़ियां रोकी और जहा से जंगल शुरू हो रहा था तो उन्हें अंदाजा लगा कि जंगल के अंदर नेटवर्क ना आने की वजह से उनकी लोकेशन बंद हो गई है।

पुलिस फोर्स ने अपनी अपनी गन संभाली और 50 पुलिस वालों के साथ सभी ने जंगल में प्रवेश किया धीरे-धीरे वह लोग आगे बढ़ रहे थे तभी उन्हें गाड़ी के निशान दिखाई दिए।

उन लोगों ने गाड़ी के पहिए के निशानों का पीछा किया और आगे की तरफ बढ़ते गए और जैसे-जैसे आगे बढ़ रहे थे उनकी धड़कनें बढ़ रही थी। क्योंकि पुलिस भी जानती थी कि वो लोग कितने कुरूर है उस लड़की को कुछ हो गया तो वह भी खुद को माफ़ नहीं कर पाएंगे क्योंकि उनके होते हुए भी यह सब हुआ था।

ऐसे ही एक डेढ़ किलोमीटर अंदर चलने के बाद उन्हें दूर से एक फैक्ट्री दिखाई दी यह वही फैक्ट्री थी जिसमें उन लोगों ने इतना सब कुछ किया था । जैसे ही पुलिस ने दूर से उस फैक्ट्री को देखा सभी चौकन्ना हो गए और उन्हें फैक्ट्री के बाहर एक गाड़ी दिखाई थी जो एक एंबुलेंस की।

वह लोग धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे और आपस में बैठ गए कुछ लोग फैक्ट्री के पीछे की तरफ गए। कुल मिलाकर उन 50 पुलिस वालों ने फैक्ट्री को चारों ओर से घेर लिया था कमिश्नर को इन्फॉर्म कर दिया था कि उन लोगों की लोकेशन पता चल गई है और उन लोगों कहां पर है। यह भी पता चल गया है वहां से कमिश्नर डीआईजी के साथ फैक्ट्री के लिए निकल चुका था।

क्या कमिश्नर और पुलिस मिलकर मौली को बचा पाएगी या मौली के साथ भी वह सब होगा। जानने के लिए पढ़ते रहिए हमारी कहानी। अगला भाग जल्दी ही आएगा तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें क्योंकि कोई और रखने नहीं आएगा।

कमश:
।। जयसियाराम ।।

vishalramawat"सुकून"(जाना)


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3 Comments

shahil khan

10-Apr-2023 09:40 PM

nice

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Natasha

05-Apr-2023 01:16 PM

Nice

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