लेखनी प्रतियोगिता -09-Apr-2023 सजे सजन का प्यार
विषय- इश्क ए इजहार
रोला छंद
शीर्षक-सजे सजन का प्यार
कंगन सोने का आज, पहन कर निकली सजनी।
प्रियतम मन की साज, करें अब उनसे मगनी।।
सोलह है श्रृंगार, आज मन मम इतराता।
देख तुम्हारा प्यार, हृदय अब मेरा हर्षाता।।
पहने कंगन हाथ, खूब अब लगती नारी।
सजन का सजे प्यार, हुआ रे मन बलिहारी।।
सजता सदा सुहाग, महकती जीवन बगियाॅं।
होता मधु एहसास, प्रेम की खिलती कलियाॅं।।
करे प्यार इजहार, हुआ मन मेरा मुदिता।
मनवा नाचे मोर, प्यार के प्रति हो रुचिता।।
सतत रहेगे साथ, प्रणय की बहती सरिता।
बसे हृदय अनुराग, सदा हो मेरी वनिता।।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया
madhura
11-Apr-2023 03:41 PM
very nice
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Punam verma
10-Apr-2023 08:46 AM
Very nice
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Abhinav ji
10-Apr-2023 08:00 AM
Very nice 👌
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