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शायरी

अपने सपनो को हम सजाते सजाते

दुनिया के नजरों से तुमको बचाते बचाते

हम इतने आगे निकले कि पीछे सब छूट गया
सिर्फ तेरे लिए मेरा रिश्ता मेरे अपनो से ही टूट गया
दर्द काफी है सीने में ,,,सितम कितना मैं सहूँ
ढूंढोगे शयाद उस दिन,,जब एक शाम मैं ना रहूं।।

-शिवम कम

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3 Comments

उम्दा, बेहतरीन

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Khushh

09-Mar-2021 10:20 PM

nice

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Author sid

08-Mar-2021 07:57 PM

👍👍👍

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