शायरी
अपने सपनो को हम सजाते सजाते
दुनिया के नजरों से तुमको बचाते बचाते
हम इतने आगे निकले कि पीछे सब छूट गया
सिर्फ तेरे लिए मेरा रिश्ता मेरे अपनो से ही टूट गया
दर्द काफी है सीने में ,,,सितम कितना मैं सहूँ
ढूंढोगे शयाद उस दिन,,जब एक शाम मैं ना रहूं।।
-शिवम कम
Shashank मणि Yadava 'सनम'
25-Aug-2022 06:09 AM
उम्दा, बेहतरीन
Reply
Khushh
09-Mar-2021 10:20 PM
nice
Reply
Author sid
08-Mar-2021 07:57 PM
👍👍👍
Reply