गायब जंगल
तान्या ने चश्मे को गौर से देखा और बोली, "शिखर ! सोहन आखिरी समय इसी चश्मे को लगाकर हम से अलग हुआ था क्यों ना इस चश्मे को लगा कर देखा जाए कि आखिर सोहन को क्या दिखाई दिया था। हाँ बिल्कुल शिखर ने कहा.. लेकिन कपाली बोला, रुको ऐसा बिल्कुल नहीं करना, अगर ऐसा है के इस चश्मे की वजह से सोहन को कुछ हुआ है तब तुमको भी तो हो सकता है ना.. हाँ बिल्कुल ऐसा हो सकता है शिखर ने कहा, सॉरी,... परेशानी में मैंने ये सोचा है नहीं था,.. अगर होगा कुछ तब तुम लोग मेरे आस पास रहना.. और मुझे कहीं जाने नहीं देना, लेकिन हमको सोहन को देखना ही होगा, उसके बिना हम कैसे वापस जा सकते हैं.. वो दोनों अभी भी सोच रहे थे.. शिखर ने सोचते हुवे कहा, तुम्हारी बात सही हैं तान्या पर चश्मा मैं पहनता हूँ, नहीं,.. तुमको कुछ हुआ तब हम तुमको सम्हाल नहीं पाएंगे पर मुझे तुम दोनों सम्हाल सकते हो.. यह कह कर तान्या ने उस चश्मे को पहन लिया । इतने मे तान्या कुछ देखकर खड़ी हो जाती है, उसके चेहरे के हिसाब से चश्मा काफी बड़ा था, उसके ऑंखें सामने की तरफ देख रही थे, जैसे वो गौर से कुछ सुनने की कोशिश कर रही हो,.. शिखर और कपाली उसके दोनों तरफ खड़े थे, उन्होंने उससे पूछा "क्या दिखाई दे रहा है तुम्हें ?" तान्या बिल्कुल चुप चाप थी, वो तान्या से पूछ ही रहे थे की तान्या ने एक दिशा मे चलना शुरू कर दिया । शिखर ने जल्दी से उसका हाथ पकड़ लिए.. कपाली उसके आगे खड़ा हो गया था,.. लेकिन तान्या ने झटके से शिखर से हाथ छुड़ाया और कपाली को तेज़ धक्का दिया, कपाली उससे पीछे की तरफ गिर गया था,.. तान्या में इतनी ताकत की उम्मीद नहीं थी उसको, इसलिए वो अपने आपको सम्हाल नहीं पाया था और पीछे की तरफ को गिर गया था,.. तान्या आगे बढ़ी और थोड़ा सा आगे को चल कर गयी, और उसके बाद जंगल की तरफ भागने लगी थी,.. वह तेजी से भाग रही थी,.. शिखर ने जल्दी से कपाली को उठाया और वो भी उसके पीछे भागने लगा, शिखर ने भागते भागते कपाली से तेज आवाज़ में कहा, "कपाली हमको किसी भी तरह से तान्या को पकड़ना होगा, वरना वो भी सोहन की तरह गायब ना हो जाएगी।" दोनों और तेजी से उसके पीछे भागने लगते हैं,.. उन्होंने देखा तान्या आगे जाकर रुक गयी थी, उसकी पीठ उनको दिख रही वो आगे की तरफ कुछ देख रही थी,.. उन्होंने सोचा के वो अब धीरे से उसके पास जा सकते हैं, और वो दोनों रुक गये, शिखर ने आराम से कहा, तान्या तुमको क्या दिखा, और तुम भागी क्यों, चश्मा निकाल दिया ना तुमने, तभी तुम रुकी हो, तान्या ऐसे ही बुत की तरह खड़ी रही, तब कपाली आगे बढ़ा और उसने शिखर को देखते हुवे कहा, मैं देखता हूँ, तभी तान्या पीछे को पलटी, उन्होंने देखा चश्मा उसने लगाया हुआ था, और तान्या की बहुत तेज चीखी, उसने अपने हाथ उठाया हुआ था और एक ऊँगली को वो उन दोनों के पीछे की तरफ कर के चीखी थी ,… चीख बहुत तेज़ थी, दोनों अपनी जगह पर रुक गये, और उन्होंने अपने पीछे देखा जहाँ पर तान्या ने हाथ क्या हुआ था, लेकिन पीछे कोई भी नहीं था, बस वो छोटा सा रास्ता था जहाँ से वो भाग कर आये थे,.. उन्होंने जल्दी से पलट कर तान्या की तरफ देखा लेकिन तान्या वहां पर नही थी । सिर्फ दो सेकंड पहले वो वहीं पर खड़ी थी और अब वो कहीं नहीं दिख रही थी,.. दोनों के होश फाख्ता हो गये थे.. अभी सोहन के गायब होने की गुत्थी तो सूलझी भी नही थी कि तान्या और लापता हो गयी थी। शिखर और कपाली भाग भाग कर वहाँ आस पास देखने लगे, वहाँ कहीं झाड़िया भी नहीं थी के कोई गिर जाये तब उसका पता नहीं चले बस पेड़ थे, और उनमें लेता हुआ इंसान भी आराम से दिख सकता था.. वो परेशानी में इधर उधर भाग रहे थे,..दोनों पागलों की तरह चिल्ला चिल्ला कर तान्या को आवाज़ें लगा रहें थे,.. उधर तान्या ने जैसे ही चश्मा लगाया था, उसको अपने आस पास की सभी आवाज़ आना बंद हो गयी थी, उसको शिखर और कपाली की कोई आवाज़ सुनाई नहीं दी,.. उसे ऐसी आवाजें आने लगती है जैसे कोई बड़ा हवन कर रहा हो मंत्रो का जाप चल रहा था, अग्नि में लकड़ी के तड़कने की आवाज़े आरही थीं.. तान्या उठ कर उस दिशा मे चलने लगती है,.. उसी वक्त ही उसको बहुत दूर से शिखर और कपाली की आवाज़ सुनाई देती है, वो उससे पूछते हैं कि क्या दिखाई दे रहा है। उनकी आवाज़ साफ नहीं सुनाई दे रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे बहुत गूंज कर आवाज़ आरही हो… वह उनको चुप करना चाहती थी जिससे वो हवन की आवाज़ सही से सुन पाए.. वो दोनों चुप नहीं होते तब वह जल्दी जल्दी कदम बढ़ाती हुई बाहर जाने लगती है, उसको लग रहा था के बाहर अच्छे से वो सुन पायेगी.. वह उसी दिशा मे जा रही थी तभी उसको लगा के किसी ने पीछे से उसका हाथ पकड़ा है और कोई उसके आगे आ गया है, वो नहीं चाहते वो आगे जाये, तान्या ने अपना हाथ छुड़ाया और सामने जो परछाई दिख रही थी उसको हल्का सा धक्का दिया.. हल्के से धक्के में ही वो दूर जाकर गिरी.. तान्या उधर को बढ़ने लगी जहां से उसे हवन करने कि आवाज आ रही थीं… वह तेज तेज चल कर एक जगह पहुंची और क्या देखा कि कुछ लोग हवन कर रहे हैं, एक वेदी पर हवन की सारी सामग्री रखी हुयी थी और ऐसे लगता है जैसे कोई तांत्रिक किर्या चल रहा है क्योंकी वहाँ पर खून भी रखा हुआ था और । तान्या अपने पीछे किसी की आहट सुनती है वो पीछे देखती है, उसको वहाँ पर एक आधे जले मुंह वाली एक औरत उसे दिखाई देती है उसकी शक्ल इतनी भयानक और डरावनी थी कि डर के मारे तभी तान्या की चीख निकल गयी थी, उसके होशो हवास जाने लगते है, वो पीछे हटना चाहती थीं लेकिन उसके कदम वहीं पर जम गये थे,.. तान्या से अपने आपको सम्हाला नहीं गया और वह बेहोश हो जाती है.. इधर कपाली और शिखर का डर के मारे बुरा हाल था.. वो कुछ भी समझ नहीं पा रहे थे, और तान्या और सोहन को ढूंढ़ रहें थे कपाली इन सब भूत प्रेत की बातें सुनकर ही बड़ा हुआ था लेकिन उसने कभी खुद से ये एक्सपीरियंस नहीं लिए थे, और सबसे ज्यादा वो इस बात से डर रहा था कि तान्या और सोहन के माता पिता को क्या कहेंगे। अगर वो नहीं मिले तब क्या होगा, वो वापस कैसे जायेंगे.. और शिखर तो जैसे अचेत होने वाला था उस के साथ ये सब पहली बार घटित हो रहा था। वो बार बार कपाली को याद दिलाता है कि उन्हें यहां से चल कर बाहर किसी की मदद लेनी चाहिए.. कोई तो कुछ जनता होगा, उनको बाहर जाना चाहिए जाना चाहिए। कपाली को भी ये समझ में आगया क्योंकी वो अच्छी तरह से तान्या और सोहन को ढूंढ रहे थे, और उन्होंने सब जगह देख लिया था,.. वो आकर गाड़ी में आकर बैठ गया.. शिखर ने गाड़ी स्टार्ट की और कहा ,"तुम्हें क्या लगता है हमे गांव वालों से पूछना चाहिए ?" कपाली बोला ,"और नही तो क्या । यहाँ पास में जो गाँव है उसमे जरूर लोग जानते होंगे, और यार अपने दो दोस्त गायब हुए है। ये तो पूछेंगे कि आख़िर इस महल का क्या रहस्य है।" शिखर तेजी से गाड़ी भगाता हुआ गांव की ओर जाने वाली पगडंडी पर पहुंच गया । उसने बहुत तेज गाड़ी चलाई थी, जैसे ही वह गांव की ओर जाने लगता है उसका और कपाली का माथा घूम जाता है वे एक दूसरे की ओर देखते है और दोनों एक साथ बोलते है ,"ऐसा कैसे हो सकता है?"
Anjali korde
10-Aug-2023 09:50 AM
Nice
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Babita patel
07-Aug-2023 10:28 AM
Nice
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RISHITA
04-Aug-2023 03:59 PM
Nice
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