Navanita

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बादल

     बादल


उमड़ -घुमड़ बादल आसमां में छा रहे है,
बच्चों के मन को हद से ज्यादा भा रहे है |
हरषा है मन, तरसा है मन,
कोयल कूंक लगाई है |
सबके मन को बड़ा ही भाई है |
कितने जतन किये बदरा तुझे मनाने को,
प्रियतमा के चंचल मन को हर्षाने को |
किसानों की शामत बन आई है ,
तू जो कभी रूठी ,कभी जो इतराई है |
बादल तू जो गरजे ,सावन में जो तू बरसे |
मनवा मोरनी के नाचन को हरर्षे |
अब मान भी जा ओ ! बादल रानी !
वरना बन ना जाए कोई कहानी |
तू  जो आई है ,
सबको मस्ती सी

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3 Comments

Seema Priyadarshini sahay

28-Sep-2021 11:15 AM

बहुत खूबसूरत मैम

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Bahut khoob

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Miss Lipsa

27-Sep-2021 11:47 PM

Wow

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