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ज्ञान क्या है

तथ्य

ज्ञान क्या है अज्ञान क्या है
अज्ञान  का ज्ञान ही ज्ञान है
 ज्ञान का अज्ञान  ही ज्ञान है
 बातें तो सभी बहुत करते हो जानते भी  बहुत कुछ हो
 समझते भी बहुत अच्छे से हो समझाते भी बहुत अच्छे से हो पर तुम काटो को उन सुंदर भाव से क्यों नहीं देखते हैं जिन भाव से फूलों को देखते हो  फूलों की कोमलता और काटो के नुकीले पानी में जो भेज दे वही अज्ञान है पर इसे कोई मानेगा नहीं जानेगा  नहीं समझेगा नहीं क्योंकि भौतिक वादियों ने फूल और कांटे को इस पर चुप कर यह अनुभव किया है और यह निष्कर्ष निकाला है कि कांटे कुरूप और नुकीले हैं और फूल सुंदर और कोमल है पर अज्ञात को जानने वाले ऐसा नहीं मानते हैं उनमें जो समानता का अभेद भाऊ  है वह फूल और कांटे में अंतर नहीं देखते हैं वह किसी की व्याख्या नहीं करते बस फूल है तो है कांटे हैं तो है उन्हें कोमलता और नुकीले पन में अंतर नजर नहीं आता धन्य है वह लोग जो अपने विचार को भी करना मानते हैं और जब सारा संसार ही प्रभु का है तो इसमें गलत क्या हो सकता है कांटों से बेरी क्यों और फूलों से मोहब्बत भी क्यों सब कुछ ठीक ही तो है वह क्यों नापतोल करें क्यों अंतर देखें जो सब कुछ ठीक देखता है

 लोग मोहब्बत में फूल देते हैं मैंने कांटे पहुंचाएं हैं
 फूलों के अंजाम देख लिए अब कांटों से शुरुआत करते हैं
#chetanshrikrishna

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4 Comments

Sachin dev

21-Apr-2023 06:08 PM

Nice

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सुंदर विचार

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Saroj Verma

19-Apr-2023 10:33 AM

बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां 👌👌

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