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प्रेरणादायक कहानियां

मातादीन के 5 पुत्र थे – शिवराम, शिवदास, शिवलाल, शिवसहाय और शिवपूजन | ये पांचो लड़के परस्पर झगड़ा किया करते थे | छोटी सी बात पर आपस में तू-तू मैं-मैं करने लगते और गुत्थमगुत्थी कर लेते थे |

मातादीन अपने लड़कों के झगड़े से बहुत ऊब गया था | उसने एक दिन उन्हें समझाने के विचार से पास बुलाया | पहले से पतली-पतली सुखी पाच टहनियों का उसने एक छोटा गट्ठर बना लिया था | पुत्रों से उसने कहा – ” तुम में से जो इन कहानियों के गट्ठर को तोड़ देगा, उसे एक रुपए का पुरस्कार मिलेगा |”


पांचो लड़के झगड़ने लगे कि गट्ठर को वो पहले तोड़ेंगे | उन्हें डर था कि यदि दूसरा भाई पहले तोड़ देगा तो रुपया उसी को मिल जाएगा | मातादीन ने कहा – ” पहले छोटे भाई शिवपूजन को तोड़ने दो |”
शिवपूजन ने गट्ठर उठा लिया और जोर लगाने लगा | दांत दबाकर, आंख मीच कर बहुत जोर उसने लगाया | सिर पर पसीना आ गया; किंतु गट्ठर की टहनीया नहीं टूटी | उसने गट्ठर शिवसहाय को दे दिया | उसने भी जोर लगाया, पर तोड़ नहीं सका | सब लड़कों ने बारी-बारी से गट्ठर लिया और जोर लगाया ; किंतु कोई उसे तोड़ने में सफल नहीं हुआ |

मातादीन ने गट्ठर खोलकर एक-एक टहनी सब लड़कों को दे दी | इस बार सभी ने टहनियों को फटाफट तोड़ दिया | अब मातादीन बोला – ” देखो यह टहनियां जब तक एक साथ थी | तुममें से कोई उन्हें तोड़ नहीं सका | और जब ये अलग-अलग हो गई तो तुमने सरलता से सब को तोड़ डाला | इसी प्रकार यदि तुम लोग आपस में झगड़ते और अलग रहोगे तो, दूसरे लोग तुम लोगों को तंग करेंगे और दबा लेंगे | लेकिन यदि तुम लोग परस्पर मेल से रहोगे तो तुम से कोई शत्रुता करने का साहस नहीं करेगा |

मातादीन के लड़कों ने उसी दिन से आपस में झगड़ना छोड़ दिया | वे मेल से रहने लगे |

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