लेखनी प्रतियोगिता -20-Apr-2023
तुमसे सब पूरा पूरा लगता है।
तुम बिन यहां ,सब अधूरा लगता है।
शुक्र मनाता हूँ मै हर उस शाम का,
तुम्हें जिस शाम ,अभिमंद जरूरी लगता है।
आकर इस महफ़िल में तुम खामोश हो।
अरे कम्भख्त हमें तो, तेरा मुस्कुराना अच्छा लगता है।
लहरों की बातों में खो जाता हूँ हर शाम।
हमें तो लहरों का आना जाना अच्छा लगता है।
शुक्रिया तेरा ,ये जो बचा हुआ प्यार दिया है मुझे।
हमें तो रोते रोते ,मुस्कुराना अच्छा लगता है।
तुम इश्क़ की बेपरवाही में सुकून संभालो,
हमें तो तुझे ये सूकून देना अच्छा लगता है।
ख्वाइशें चंद है बस मेरी ,गर तुम मानो।
हमें तो रूखा सूखा खाना अच्छा लगता है।
यादों से लड़ते लड़ते आया हूँ यहाँ।
हमें तो बस तुम्हें बस तुम्हे देखे जाना अच्छा लगता है।
ज़िंदगी तुम सी खूबसूरत रहे।
तुम्हारी आंखों में देखकर तुम्हें गले लगाना अच्छा लगता है।
❤️
#Abhiwrites❣
Punam verma
21-Apr-2023 06:51 AM
Very nice
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
21-Apr-2023 06:34 AM
बहुत ही खूबसूरत और प्रेममय कविता
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ऋषभ दिव्येन्द्र
20-Apr-2023 10:26 PM
बहुत खूब
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