बेटी.....
बेटी घर की खुशहाली हैं....
बेटी माँ बाप की दीवानी हैं...
बेटी समाज की पहचाना हैं....
बेटी जन्म से अनजान हैं....
बेटी घर का उजियारा हैं...
बेटी नाम बड़ा प्यारा हैं...
बेटी गुल हैं...
गुलिस्ता हैं.. बेटी हैं तो..
हिंदुस्ता हैं..
खुशी हो तो खुसगवार हैं बेटी...
गम हैं तो बेज़ुबान हैं बेटी..
माँ हो या बहन हो..
हर रिश्ते की ढाल हैं बेटी...
नामुमकिन को जो मुमकिन करदे.
वो किरादार हैं बेटी....
दुनिया हैं बेटी के दम से...
बेटी के दम से जहांन हैं..
किसी एक मुल्क की नहीं..
बेटी पूरी क़ायनात की शान हैं....
फ़िज़ा तन्वी ✍️✍️
Kaushalya Rani
30-Sep-2021 04:23 PM
Good
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🤫
28-Sep-2021 04:12 PM
बेहतरीन...
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