स्वैच्छिक
विषय:- स्वैच्छिक
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आज विषय है स्वैच्छिक दिल में उठे गुबार।
आओ हम भी छोड़ दें कुछ रंगों की बौछार।।
कुछ रंगों की बौछार लाल,नीले, पीले रंग।
हो जाएं हम मदमस्त बैठ सब यारों के संग।।
ले हाथों में रंग गुलाल करें बस कोई ना हम काज।
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई मिल बैठें सब आज।।
हिन्दू, मुस्लिम,सिख, ईसाई हम सबका हो ये नारा।
हम भारत मां की सन्तानें है भारत वर्ष हमारा।।
भारत वर्ष हमारा हम इसकी शपथ उठाएं।
नफ़रत की आग को प्रेम के जल से आज बुझाएं।।
सारी सरिताएं मिल कर बन जाएं एक सिन्धू।
भारत वर्ष का मानव बस कहलाएगा हिन्दू।।
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर
madhura
23-Apr-2023 02:05 PM
adbhut rachna
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Punam verma
23-Apr-2023 08:27 AM
Very nice
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Sachin dev
22-Apr-2023 03:20 PM
Nice
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