लेखनी प्रतियोगिता -23-Apr-2023
ऐ मेरे पीहर विदा दे
कब मिलेंगे ये बता दे
खुश रहूंगी मैं हमेशा
मेरी खातिर मुस्कुरा दे।
मैं तेरी गोदी में खेली
तू है सबसे प्रिय सहेली
अब तू सबका ध्यान रखना
जा रही हूँ मैं अकेली।
ऐ मेरे बचपन के चौकीदार सुन ले
मेरी यादों के कोई गुलजार बुन ले
मैं तेरी यादों की छाया में रहूंगी
तू भी कोई नया हिस्सेदार चुन ले।
ऐ मेरे पीहर मुझे इतना बताना
क्यों जरूरी है तुम्हें यूं छोड़ जाना
मैं भले ससुराल में रानी बनूंगी
कितना मुश्किल है ये रस्में निभाना।
जा रही हूं एक नई दुनिया बसाने
ज्ञान जो तुमसे मिला उसको निभाने
हाथ मे विश्वास का दीपक जलाकर
चल पड़ी हूँ मैं मुकद्दर आजमाने।।
थक के जीवन में अगर मैं सो पडूँ तो
आसरा देना कहीं जो रो पडूँ तो
मुझको अपने स्नेह से फिर जता देना
मैं कहीं विश्वास अपना खो पडूँ तो।।
।
।
ऋषभ दिव्येन्द्र
24-Apr-2023 01:24 PM
खूब लिखा आपने
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Abhinav ji
24-Apr-2023 09:40 AM
Very nice 👍
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Gunjan Kamal
24-Apr-2023 09:01 AM
बहुत खूब
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