V.S Awasthi

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पीहर

पीहर नारी का स्वर्ग है पीहर पर उसको गर्व।
नारी जब पीहर जाती है पीहर में मनता पर्व।।
अम्मा बप्पा भाई बहना सब खुशियां खूब मनाते हैं।
हंसी ठिठोली करते हैं और एक साथ मिल खाते हैं।।
पीहर की यादों को नारी कभी भूल ना पाती ।
पोस्ट मैन की राह निहारे पूछे मां बापू की पाती।।
पीहर की यादों में उसको बचपन दिखलाई पड़ता है।
ससुराल में रहकर भी उसको पीहर ही अच्छा लगता है।।

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बहुत खूब

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