बेटी है उपहार
प्रतियोगिता के लिए
बेटी है उपहार
बेटी उपहार प्रभु का , जिसको ये मिल जाय।
संपत्ति की कमी नहीं, बेटी जब घर आय।
निज शरीर का अंग है,मन का है अनुराग।
बेटी पावन धार सम, स्वर का है मधु राग।
पायल पहन आँगन में, बेटी इत उत डोल ।
शीतल हो जाये हृदय, मिश्री कानों में घोल।
विडम्बना
बेटी पेट में आ गई, बात पता चल जाय।
भ्रूण पेट में मारते, करके लाख उपाय।
बेटी बेटा जन्म का ,जब एक उद्गम स्थान।
भेद उनमें हम करें , क्यों न उनका मान।
नवरात्रों में पूज ली, कंचक दिया जिमाय।
कुटिल दृष्टि हो बाद में, आँख नहीं फुट जाय।
माँ औ बहन की सुरक्षा ,बहुत नेक है काम।
देखो सब सम्मान से, पाओगे तुम नाम।।
स्नेहलता पाण्डेय 'स्नेह'
Seema Priyadarshini sahay
28-Sep-2021 11:30 AM
आपकी कलम और लेखनी को सैल्यूट✌️
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Miss Lipsa
28-Sep-2021 07:46 AM
Wow
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Raushan
27-Sep-2021 11:28 PM
Bahut hi Sundar rachna mam
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