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प्रेरणादायक कहानियां

उसका जवाब सुनकर बुढ़िया घबरा गई; किंतु वह बहुत चालाक थी कहने लगी – ” अगर तू भूत है | तो दरवाजे के छेद में से मक्खी बनकर अंदर आ जा |”

भूत के लिए यह भला कौन सी मुश्किल बात थी | वह बोला – ” अच्छा अभी आता हूं |”

बुढ़िया ने अंदर से छेद में एक बोतल का मुंह लगा दिया और जैसे ही भूत मक्खी बनकर बोतल में घुसा तुरंत बोतल में ढक्कन लगाकर, उसे कसकर बांध दिया | भूत बोतल के अंदर कैद हो गया |

उसने बुढ़िया से बाहर निकलने के लिए बहुत खुशामद की; किंतु बुढ़िया ने उसकी एक न सुनी वह उस बोतल को शहर के बाहर पहाड़ी पर नीम के पेड़ के कोटर में रखकर आई |

बोतल को वहीं पड़े काफी दिन गुजर गए | एक दिन धोबी उसी नीम के रास्ते से होकर कहीं जा रहा था | उसे सुनाई दिया जैसे कोई उसे पुकार रहा हो | वह चौक कर इधर-उधर देखने लगा | उसे पास के नीम के पेड़ में से आवाज आती सुनाई दी | वह पेड़ के पास गया तो उसने उसके नीचे एक बोतल को उछलते-कूदते देखा | गौर से देखने पर धोबी को उसके अंदर एक बड़ी मक्खी नजर आई | धोबी सोचने लगा कि – ” क्या इसी बोतल से आवाज आ रही है |” वह अभी इसी सोच मैं था | बोतल के अंदर से भूत बोल पड़ा – ” भैया! इस बोतल में मैं भूत बंद पड़ा हूं, कृपया तुम इस बोतल का ढक्कन खोल दो| मैं तुम्हारा उपकार मानूंगा |”

भूत का नाम सुनकर पहले तो धोबी चोका इसके बाद वह हिम्मत करके बोला – ” ना बाबा! तू भूत ठहरा | बोतल से निकलकर अगर मुझे ही चिपट गया | तो फिर मैं क्या करूंगा, जिसने तुझे बंद किया है | वह कोई तेरा भी गुरु होगा |”

भूत कांपते हुए बोला -” गुरु न कहो! होने वाली सास कहो |”

” भूतों की भी भला सास होती है ! क्या चक्कर है, बताओ तो जरा |”

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