प्रेरणादायक कहानियां
राजा ने फिर से ढिंढोरा पिटवाया कि – ” जो कोई पौदनिया को पकड़ कर लाएगा | उसे मुंह मांगा इनाम दूंगा |” इस बार राजा का प्रधानमंत्री पौदनिया को पकड़ने के लिए तैयार हुआ | पौदनिया को इसकी भी खबर लग गई |
उसने उसी रात एक बुढ़िया का भेष बनाया तथा जंगल में बनी झोपड़ी में जाकर वह चक्की में चना दलने लगा | आधी रात के समय मैं से आती चक्की की आवाज सुनकर प्रधानमंत्री उसकी ओर गया | वहां पहुंचकर उसने देखा कि एक बुढ़िया चने दल रही है | प्रधानमंत्री ने पूछा तो बुडिया बना पौदनिया चोर बोला – ” अन्नदाता ! में बहुत कमजोर हूं | मुझसे अधिक काम नहीं होता इसी कारण में आधी रात को पौदनिया चोर के घोड़े का दाना दलती हूं | वह अभी आकर मुझे पैसे दे जाएगा | सच कहती हूं अन्नदाता! वह बड़ा ही दयालु है |”
प्रधानमंत्री को बुढ़िया की बात पर यकीन नहीं हुआ | उसने फिर से पूछा – ” तुम क्या कर रही हो, सच-सच कहो |”
” मैं भला झूठ क्यों बोलने लगी | इसमें मेरा क्या फायदा है |”
प्रधानमंत्री उस बुढ़िया को अपना परिचय देते हुए बोला – ” यदि तुम उस चोर को पकड़ा दो तो | मैं तुम्हें मालामाल कर दूंगा |”
” फिर आप अपने घोड़े को थोड़ा दूर बांध आओ और अपने कपड़े उतारकर मेरे कपड़े पहन लो | वह जैसे ही दाना लेने आएगा | तुम उसे पकड़ लेना |”
प्रधानमंत्री सोचने लगा कि – ” इस बार पौदनिया जरूर ही पकड़ा जाएगा |”