Vishal Ramawat

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दोस्त....

तो कैसे हैं आप सभी हमारी आज की कहानी है दोस्तों के ऊपर है  आइए शुरू करते हैं ।


सुबह के 7:00 बजे थे और घर में तेज आवाज में रेडियो चल रहा था जिस पर एक ही गाना बज रहा था पल पल दिल के पास तुम रहती हो....


घर के आसपास पेड़ पर चिड़ियाओ की आवाज सुनाई दे रही थी एक लड़की की किचन में चाय नाश्ता बना रही थी और रेडियो के साथ-साथ वह भी गाना गुनगुना रही थी । लड़की की उम्र 26 साल के आसपास होगी उसने अभी सलवार सूट पहने हुए थे चेहरे पर हल्का सा मेकअप आंखों में काजल और गले में दुपट्टा डाला हुआ था । कुछ देर बाद बस नाश्ता लेकर बाहर टेबल पर आती है और बैठकर नाश्ता करने लगती है।


नाश्ता करते करते ही उसकी नजर अपने आप ही सामने वाली खाली कुर्सी पर चली जाती हैं और उस कुर्सी को खाली देखकर  रोजाना के जैसे आज एक बार फिर से उसकी आंखों में नमी आ गई । वह खुद से कहती है अगर हमारा मिलना लिखा होगा तो भगवान हमें जरूर मिल आएगा । इतना कहकर वह नाश्ता अधूरा छोड़ देती है और अपना बैग लेकर ऑफिस के लिए निकल जाती है।


कुछ देर में वह ऑफिस पहुंचती है तो कोई उसका रास्ता रोक लेता है वह अपनी नजरें उठाकर देखती है तो सामने रौनक खड़ा था । रौनक को देखकर हल्का गुस्सा होते हुए कहती हैं तुम सुधर  क्यों नहीं जाते। रोजाना सुबह-सुबह मेरा रास्ता रोक देते हो और तुम्हारी यह मानुस शक्ल देखनी पड़ती है सुबह-सुबह मुझे   रौनक कहता है नालायक तो तुम भी बहुत हो तुम्हें भी कितनी बार कहा है सुबह-सुबह आंसू मत बहाया करो पर तुम भी कहा सुनने का नाम लेती हो ।


कनिका कहती है मैंने कहा आंसू बहाए वह तो खाना बना रही थी तब प्याज काटे थे उस वजह से आंखें लाल हो चुकी है रौनक कहता है मैं पिछले 3 सालों से तुम्हारे यह बहाने सुन रहा हूं।


तभी उन्हें दूर से किसी की आवाज सुनाई देती है अब ऑफिस आई गए हो तो थोड़ा काम भी कर लो दोनों जब उस तरफ देखते हैं तो उनके बॉस खड़े हुए थे जो गुस्से में दोनों को घूर रहते हैं। दोनों अपनी गर्दन झुका कर बोलते हैं जी सर हम बस जा ही रहे थे और दोनों वहां से ट्रेन की रफ्तार से अपनी अपनी डेस्क पर जाकर बैठ जाते हैं और काम शुरू करते हैं । दोपहर के समय लंच टाइम होता है तो दोनों जाकर बैठ जाते हैं और लंच कर रहे होते हैं  तभी रौनक के पास किसी का मैसेज आता है रौनक की नजर जैसी डिस्प्ले पर जाती है उसके हाथ अपने आप मोबाइल पर चला जाता है क्योंकि यह उनके कॉलेज टाइम के ग्रुप में मैसेज आया।


रोनक से रहा नहीं गया और उसने वह मैसेज ओपन किया आज 3 साल बाद इस ग्रुप में किसी का मैसेज आया था। 3 सालों से यह ग्रुप शांत पड़ा था सोनिया का मैसेज देख रौनक ने जैसे ही मैसेज खोला उसमें कार्ड था यह सोनिया  की शादी का कार्ड था। उसकी शादी उसी के बॉयफ्रेंड से हो रही थी जो कॉलेज टाइम में था।

तभी

ग्रुप में एक मैसेज और आया जिसमें स्पेशल कनिका को टैग किया हुआ था कि उसे इस शादी में जरूर आना है अगर वह नहीं आई तो लाइफ में कभी सोनिया उससे बात नहीं करेगी।


रोनक ने फोन साइड में रखा सोनिया की तरफ देख कर बोला ग्रुप में मैसेज देखा तुमने देखा। कनिका इन सब से अनजान बोलती है कौन सा मैसेज । रौनक बोलता है सोनिया की शादी है 15 दिन बाद और उसने तुम्हें एस्पेशली बुलाया है अगर तुम नहीं गई उसकी शादी में तो वह तुमसे कभी बात नहीं करेगी।


सोनिया की शादी की बात सुनकर कनिका की आंखों में एक अलग ही खुशी थी वो खुश होते हुए बोली अच्छा है उसकी शादी अपने बॉयफ्रेंड से हो रही है जरूर चलेंगे शादी में कभी उसे कुछ याद आता है और वह बोलती है मैं नहीं आ पाऊंगी मुझे घर जाना है उस टाइम । तुम चले जाना फिर उठकर वहां से चली जाती है रोनक सोनिया को कॉल करता है सोनिया कॉल उठाते ही बोलती है क्या हुआ बात नहीं बनी।


रोनक बोलता है बनी तो नहीं है पर कोशिश तो कर सकते हैं क्या पता सालों बाद यह दूरियां खत्म हो जाए और दोनों वापस एक हो जाए । सोनिया बोलती है कुछ तो करना पड़ेगा क्योंकि यह दोस्ती ऐसे नहीं टूटने दे सकती मैं । यह आखिरी मौका है हमारे पास इन दोनों को एक करने का अगर इस बार भी हम कुछ नहीं कर पाए तो भूल जाना कि ये दोनों फिर कभी एक होंगे या इन दोनों की लाइफ वापस पटरी पर आएगी।


कुछ देर बात करने के बाद रौनक फोन रख देता है और वापस जाकर अपने काम में लग जाता है उसका माइंड आज शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा था। कुछ ना कुछ आईडिया उसके दिमाग में आ ही रहे थे उधर कनिका परेशान थी कि शादी में जाए या ना जाए।


कनिका ने डिसाइड किया कि वह शादी में नहीं जाएगी और वह शाम को रौनक को बाय बोल कर घर के लिए निकल गई उधर रोनक पूरी तैयारी कर चुका था शादी में कनिका को ले जाने की। सब कुछ प्लानिंग कर रखी थी अब बस दिक्कत यह थी कि वह शादी में आएगा कि नहीं अगर वह नहीं आया और कनिका चली गई तो भी इन लोगों का प्लान खराब हो जाएगा।


दिन तेजी से निकलते गए और वह दिन भी आ गया कि आज उन्हें शादी के लिए निकलना था । रौनक ने पहले ही कनिका की भी टिकट बुक करवा दी थी।  कनिका ने साफ मना कर दिया था कि वह शादी में नहीं आएगी।  रौनक ने एक आखरी खेल खेला उसने सोनिया को कॉल करके बोला कि अपनी मम्मी से कनिका कॉल करवाओ और वही हुआ कुछ देर बाद कनिका का फोन बजा तो सोनिया की मम्मी का नंबर देख जल्दी से कॉल उठाया और उन्हें प्रणाम करते हुए बोली जी बताइए कैसी हैं आप । सोनिया की मोम बोली मैं तो ठीक हूं पर तुम मुझे गुस्सा दिला रही हो पर अगर तुम नहीं चाहती कि मैं गुस्सा हूं तो चुपचाप उसकी शादी में चले आना।

अगर तुम आज नहीं आई तो याद रखना तुम्हारी आंटी हमेशा के लिए तुमसे दूर हो जाएगी और तुमसे कभी बात नहीं करेगी इतना कहकर वह फोन कट कर देती है और सोनिया अपनी मम्मी को हाई-फाई देते हुए कहती है क्या बात है आप तो बहुत अच्छी एक्टिंग कर लेती हैं अब तो लगता है ड्रामेबाज थी स्कूल में।


सोनिया की मोम उसके सर पर हल्की सी चपत लगाते हुए कहती हैं और ड्रामेबाज की बेटी शादी होने वाली है थोड़ी सुधर जा अब बच्ची नहीं रही है तू इतना कहकर वो काम करने चली जाती है। अब कनिका परेशान होकर बैठी थी कि उसे क्या करना है और रौनक को कॉल कर दी और बोलती है मैं आ रही हूं शादी में टिकट का इंतजाम करो । रोनक मुंह बनाता है बोलता है अब क्यों आ रही हो और कहां से लाए टिकट तुम्हारे लिए । तुम  हुकुम कर देती हो कनिका कहती है कोई बात नहीं तुम जनरल में आ जाना तुम्हारा टिकट से मैं चली जाती हूं इतना कहकर फोन कट कर देती। कुछ देर में रौनक उसे लेने आ जाता है एयरपोर्ट के लिए निकल जाते हैं। दोनो एयरपोर्ट पहुंचते हैं और वहां से फ्लाइट में बैठकर दोनों निकल जाते है।


दोनों यहां से कुछ घंटे का सफर तय कर दिल्ली पहुंच जाते हैं जहां पर उन्हें लेने के लिए पहले से ही गाड़ी आई हुई होती है। गाड़ी में बैठकर वह लोग शादी हॉल के लिए निकल जाते हैं वहां पहुंचते ही काव्या और सोनिया दोनों ही गेट पर उनका इंतजार कर रही थी आज यह चारों 3 साल बाद मिले थे।


कनिका को देखकर दोनों ही उसके गले लग गई एक साथ और उन लोगो को देख रौनक पीछे से बोलता है उसे देख लिया तो मुझे भूल गई तुम लोग मैं भी इतने टाइम बाद मिल रहा हूं मुझे भी गले लगाओ कोई। तीनों आपने हाथ फैला देती है तो रोनक भी जाकर उनके गले लग जाता है दूर खड़ा कोई उन्हें कब से देख रहा था फिर वह अपने चेहरे पर मुस्कान लेकर अंदर की तरफ चला जाता है।


फिर सभी घर के अंदर चले जाते हैं और शादी इंजॉय करने लगते हैं कनिका अपना सामान रखने के लिए अपने कमरे की तरफ जा ही रही थी तभी वह किसी से टकराती है जब वह अपनी नजरें उठाकर सामने देखती हैं तो उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है । सामने वाले इंसान को देखकर वह शॉक्ड हो जाती हैं ।

उससे पहले ही सामने वाला शख्स वहां से चला जाता है कनिका अपने कमरे में जाती हैं और बेड पर बैठ कर रोने लगती हैं उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे वह शख्स वहां से निकल कर सीधा वॉशरूम की तरफ जाता है उसकी आंखें भी गुस्से में लाल हो चुकी थी और उसकी आंखों से भी आंसू बहने शुरू हुए वह खुद को काच में देखता है तभी खुद उसे खुद की पीछे परसाई दिखाई देती है जो उसे कमजोर ना पढ़ने का कह रही थी तभी उसे एक दूसरी आवाज और आती है और कहती है एक बार उससे बात करके तो देख क्या पता सारी गलतफहमियां दूर हो जाए ।

पहले वाली फिर कहती है बात करने का कोई फायदा नहीं है अगर सच्चाई होती तो पहले ही बता दी थी ।इतने साल इंतजार नहीं करती। गलती थी इसलिए दूर हुई है दोनों ही परछाई अपना अपना पक्ष रख रही थी । उसको गुस्सा आया और कुछ देर बाद वहां से बाहर आया और रौनक के पास चला गया।

3 साल बाद मिला था वह दोनो मिले थे इसलिए एक दूसरे से गले मिले और बाते करने लगे। कनिका बाहर आकर शादी इंजॉय करने लगी । कनिका की नजर बार बार उस शख्स पर जा रही थी । कार्तिक की नजर भी कई बार कनिका से मिली थी पर उसने पता नहीं क्यों खुद को रोक रखा था कनिका से बात करना तो चाहा रहा था। सभी लोग इन दोनों को ऐसे देख रहे थे।


हल्दी की रसम भी हुई सब कुछ हुआ सारी रस्में हुई पर इन दोनों ने एक दूसरे से कोई बात ही नहीं की । यह दोनों अपने बीच जो गलतफहमी की दीवार खड़ी थी उसे मिटाना ही नहीं चाह रहे थे पर उनके दोस्त जो थे वह इस दीवार को तोड़ना चाह रहे थे क्योंकि एक दीवार की वजह से इन सभी की दोस्ती टूटी हुई थी और यह चाहते थे कि इनकी दोस्ती वापस पहले जैसी हो जाए । उन्होंने बहुत कोशिश की पूरी शादी में यह दोनों आपस में बात करें एक दूसरे के साथ समय बिता जिससे इनकी गलतफहमी दूर हो पर कार्तिक हर बार उठ कर वहां से चला जाता अब आखिरी दिन था शादी का।


बरात आ गई थी और दुल्हन फेरो में आ गई थी सभी लोग खुश थे और सामने ही खड़े थे मंडप के फिर से फेरे शुरू होने वाले थे पंडित जी ने कहा सभी लोग फैरो के लिए आ जाएं समय कम है । पंडित जी फैरो की शुरुआत करते हैं एक ट्विस्ट था जो रौनक ने रचा था । सोनिया ने पंडित जी को रोका और कार्तिक की तरफ देख कर बोली कार्तिक तुम्हारे पास ही यह आखरी मौका है अपनी गलतफहमी दूर करने का अगर तुम आज भी अपनी गलतफहमी दूर नहीं करना चाहते तो मैं तुम्हें नहीं रोकूंगी तुम्हें जो करना है कर लो ।

उसके बाद हमारी दोस्ती तो पहले ही खत्म हो चुकी है वह पूरी तरीके से खत्म हो जाएगी हम लोगों ने अपनी तरफ से सारी कोशिश करके देख ली। तुम पता नहीं क्यों अपनी एगो या गुस्से के चक्कर में यह रिश्ता खराब करना चाह रहे हो उसकी बात तो सुन लो एक बार कि आखिर वो वजह क्या थी जो उस दिन यह नहीं पहुंची न पहुंचने का उसके पास कोई तो रीज़न होगा।


रोनक भी बोला कार्तिक समझने की कोशिश करो जिद के चक्कर में कई बार रिश्ते टूट जाते हैं और कई बार ऐसे नुकसान हो जाते हैं कि हम उन रिश्तो को वापस कभी जोड़ नहीं सकते। तुम भी जानती हो सच्चाई क्या है और यह कभी गलत कर नहीं सकती थी एक बार बात करके तो देखो आखिर तुमने मोहब्बत की थी।

रौनक की बात सुनकर  कनिका की आंखों से आंसू बहने लगते हैं और वह कुर्सी पर बैठ कर रोने लगती है जैसे ही रौनक की कार्तिक की नजर कनिका की आंखों से बहते हुए आंसू पर पड़ती है उसे रहा नहीं जाता और वह बात भाग कर उसके पास चला जाता है उसके पैरों में बैठकर उसके आंसू पोछने लगता है कनिका रोते हुए बोलती है मुझे माफ कर दीजिए मैं उस दिन नहीं आ पाई पर मैं मजबूर थी अगर मैं उस दिन कोर्ट पहुंच जाती तो मैं बहुत कुछ खो देती।

कार्तिक बोला ऐसी भी क्या मजबूरी थी तुम्हारी जो तुमने मुझे बताई नहीं और हमेशा के लिए इतनी दूर हो गई। मैंने तुम्हें कितने कॉल किए तुम्हारा इतना इंतजार किया पर तुमने पलट कर भी नहीं देखा । कार्तिक की आंखों से भी आंसू निकल रहे थे पंडित जी कुछ बोल रहे थे उससे पहले ही ने सोनिया ने धीरे से उनके कान में बोला पंडित जी अब आपका काम हो चुका है आप शांत रहिए ना कुछ देर। अभी 1 घंटे का टाइम है आप इतनी जल्दी क्यों कर रहे हैं शांति से उनकी कहानी सुन लीजिए ना।


कनिका ने कहना शुरू किया 3 साल पहले मैं उस दिन घर में सामान पैक कर रही थी मैंने सारा सामान पैक किया और बैग में डाल दिया था मम्मी पापा के लिए मैंने एक लेटर लिखा था कि मैं घर छोड़ कर जा रही हूं और कुछ दिन में घर लौट आऊंगी। मैंने जैसे ही पैक पहनना और घर से निकली मैरिज कोर्ट के लिए तभी कुछ देर बाद किसी का कॉल आया कि तुम्हारे पापा को हार्ट अटैक आ गया है और वह हॉस्पिटल में एडमिट है।


मैं बीच रास्ते से हॉस्पिटल की तरफ बागी वहां जाकर पता चला पापा । कि अगर टाइम पर पापा को हॉस्पिटल नहीं लाया जाता तो वह कभी नहीं बच पाते। पापा की हालत देखकर मॉम की भी तबीयत काफी ज्यादा खराब हो गई थी उन्हें भी एडमिट करना पड़ा जब डॉक्टर से बात की तब पता चला कि पापा को किसी बात की झटका लगा था इसलिए वह काफी ज्यादा टेंशन में आ गए थे और इस चक्कर में उन्हें हार्ट अटैक आ गया यह उनका लास्ट सेकंड था अगर देर हो जाती तो नहीं बच पाते।


मैंने टेंशन की वजह से अपना फोन भी बंद कर दिया था इस वजह से आपके कॉल भी आए होंगे तो मैं नहीं जानती जब पापा को होश आया जब मॉम को होश आया तब उनसे मिली तब उन्होंने बताया कि तुम्हारा जो लेटर मिला था उसे पढ़कर ही उन्हें झटका लगा और हार्ट अटैक आ गया कनिका ने उन्हें पूरी बात बताई कि वह शादी करने वाली थी कार्तिक से क्योंकि घर वाले कार्तिक के बारे में पहले से जानते थे पर वह राजी नहीं थे कनिका की शादी के लिए क्योंकि कार्तिक और कनिका दोनों ही अलग-अलग कास्ट के थे।


कनिका की मॉम ने कनिका से वादा लिया कि अगर तुमने कार्तिक से मिलने की कोशिश की तो हम दोनों में से किसी एक को दोगी। और कनिका ऐसा कभी नहीं चाहती थी कि वह अपने मां-बाप को में से किसी एक को भी खोए।


कनिका बोलती है मैंने मां से वादा किया था कि मैं आज के बाद आपसे कभी नहीं मिलूंगी इसीलिए मैंने आप से दूरी बना ली जब पापा ठीक हो गए तो मैंने मम्मी पापा के साथ को शहर छोड़ दिया।


कनिका की आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे और उसकी बात सुनकर कार्तिक की आंखों से आंसू बह रहे थे कार्तिक ने खुद को संभाला और बोला एक बार बता तो दिया होता मैं भी समझता तुम्हारी मजबूरी। कार्तिक को खुद को बहुत गुस्सा आ रहा था कि उसने कनिका से बात करने की कोशिश क्यों नहीं की उसने उसे गलत क्यों समझा जब अब इनकी गलतफहमी दूर हो चुकी थी तो पीछे से


सोनिया कि मॉम वहां आती है और कहती है जब अब तुम्हारी गलतफहमी अधूरी हो हो चुकी है तो क्यों ना एक अच्छा सा काम कर दिया जाए । पंडित जी आज इस मंडप में एक नहीं दो शादी होगी रौनक की तरफ इशारा करते हुए कहती है जल्दी से पगड़ी लेकर आओ और इस नालायक को पहनना अगर टाइम पर यह शादी कर लेता तो इतनी देर होती ही नहीं आज मेरे हाथ मेरे। पोते पोतिया होती  इतना सुनते ही कनिका की नजरें झुक जाती हैं।


काव्या कनिका को लेकर जाना चाहती थी कि उसे तैयार करके दुल्हन के रूप में लाए पर कार्तिक ने उसे रोक लिया क्योंकि वह नहीं चाहता था कि अब कनिका से एक पल की भी दूरी रखें कनिका जींस में ही मंडप में बैठी और उसकी और सोनिया की शादी एक ही मंडप में हुई।


आज अगर दोस्त नहीं होते तो कृतिक और कृतिका कभी एक नहीं हो पाते।



हमारी यह कहानी यहीं खत्म होती है हम बहुत जल्द मिलते हैं आपसे एक नई कहानी के साथ तब तक अपने और अपने परिवार का ख्याल रखें क्योंकि कोई और रखने नहीं आएगा।

।। जयसियाराम ।।

vishalramawat"सुकून(जाना)


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6 Comments

Varsha_Upadhyay

27-Apr-2023 05:04 PM

👏👌

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अदिति झा

27-Apr-2023 02:59 PM

Nice 👍🏼

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लाजवाब कहानी

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