*सत्य के राही*
सत्य की राह पर चलना आसान नहीं होता
कांटो से दामन तार तार होता है
फूलो भरा बागान नहीं होता।l
सत्य की राह पर पग पग
निराशा है।
भय है दुख है मौत का
कुहासा है।
चारों ओर गिद्ध दृष्टि गड़ाए बैठे हैं।
सच की मरने की चाहत अपने दिल में सजाए बैठे हैं ।
कहते हैं कि झूठ के पांव नहीं होते पर
सच भी चलता कहाँ है??
सत्य के गाल पर मारकर थप्पड़ भी
असत्य दहाड़ता है , पिघलता कहाँ है l
माना सत्य के साथ ईश्वर खड़े हैं पर फिर भी
देखो झूठे किस तरह अड़े हैं।
क्योंकि सच्चा मनुष्य देवता ही होता है
हैवान नहीं होता l
कटु है परन्तु जब तक सच्चा मरता नहीं
महान नहीं होता ll
सत्यम शिवम सुंदरम 💥
अपर्णा "गौरी"
Gunjan Kamal
29-Apr-2023 07:55 AM
यथार्थ चित्रण
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Varsha_Upadhyay
28-Apr-2023 11:28 PM
बहुत खूब
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