Geeta sharma

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पत्थरों के शहर में


खुदा तलाशने चला इक इंसान ना मिला
दिल रोया ज़ार-ज़ार पत्थरों के शहर में 
ऊँची इमारतें  और चिमनियों का धुऑं  
आवो-हवा बीमार पत्थरों के शहर में 
पत्थरों के बुत इंसानियत की लाश   
होता मौत का व्यापार पत्थरों के शहर में 
कहीं मजहवी नफरत कहीं बारूदी हवा 
आबरू है तार -तार पत्थरों के शहर में
फुटपाथ पर सोये आसमान ओढ़कर
मिले मुफ्लिश हज़ार पत्थरों के शहर मे 
यहाँ हर किसी को है सकूँ की तलाश 
बहुत तेज़ है रफ़्तार पत्थरों के शहर में 
©-साँझ ‘बेदिल'

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7 Comments

Ramsewak gupta

21-Nov-2021 04:20 PM

Sandar

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Zakirhusain Abbas Chougule

30-Sep-2021 10:44 AM

Wah wah kya baat hai bahut khoob

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Geeta sharma

30-Sep-2021 06:26 PM

Dhanyavaad!

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Geeta sharma

07-Oct-2021 10:18 AM

Dhanyavaad!

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🤫

29-Sep-2021 12:22 PM

बहुत खूब...👌👌

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Geeta sharma

30-Sep-2021 06:26 PM

Dhanyavaad!

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Geeta sharma

07-Oct-2021 10:18 AM

Dhanyavaad

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