याद
दोस्त तेरी याद आई
तेरे जाने के बाद
जिंदगी बोझ बन गई
तुझसे जुदा होने के बाद
दोस्त तेरी याद आई
तेरे जाने के बाद
ए दोस्त कैसा बदनसीब हूँ मैं
मौत ने भी निगाहें चुराई
तेरे जाने के बाद
दोस्त तेरी याद आई
तेरे जाने के बाद
दोस्तों की ये महफिलें
तेरे बिना सूनी है
तेरे बिना जिंदगी बिल्कुल अधूरी है
बचपन की कश्तियाँ अश्कों में डूब गई
तेरे जाने के बाद
दोस्त तेरी याद आई
तेरे जाने के बाद
गलियों में तेरे संग
मस्ती में झुमना मुझे याद आता है
लोगों के मुँह से अवारा कहलाना मुझे याद आता है
घर कैद खाना बन गया
तेरे जाने के बाद
दोस्त तेरी याद आई
तेरे जाने के बाद
दोस्त बिन तेरे शायरी मेरी अधूरी है
इस अधूरे शायर की शायरी सुनकर
तेरा खिलखिलाकर हँसना मुझे याद आता है
मेरी कलम ने शब्दों के अश्क बहाएँ
तेरे जाने के बाद
दोस्त तेरी याद आई
तेरे जाने के बाद
वह बारिश का मौसम
वह गालियों का पानी
कागज की काश्तियाँ तैराती
वह बचपन की जिंदगानी
मुझे याद आती है
वो यादें सुहानी
दोस्त हर सुबह कलियाँ खिलती हैं
आगन में हमारे
मगर खुशबू उड़ गई
तेरे जाने के बाद
दोस्त तेरी याद आई
तेरे जाने के बाद
हर रात अंधेरी सुबह अंधेरी
गलियों में सन्नाटा
दिलों में उदासी
ओ परदेस में रहने वाले
तन्हा छोड़ हमें ओ जाने वाले
सूरज तो निकलता है देश में तेरे
मगर रोशनी खो गई
तेरे जाने के बाद
दोस्त तेरी याद आई
तेरे जाने के बाद
दोस्त लौटकर तू अपने देश को आजा
छोड़कर तू परदेस को आजा
ये देश बेगाना हो गया
तेरे जाने के बाद
दोस्त तेरी याद आई
तेरे जाने के बाद
विपिन बंसल
Ankit Raj
30-Sep-2021 12:14 PM
Nice sir ji
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🤫
29-Sep-2021 11:37 PM
दोस्त के नाम एक खूबसूरत कविता...👍
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