प्रतियोगिता 06.05.2023
कर्तव्यपथ
सेवा
मां बाप की सेवा कर लो
स्वर्ग के सारे ऐश्वर्या धर लो
जन्मा जब तू नंगा था
मां बाप ने तुझे ढका था
कर दिया पेशाब
बैठे खाना खाने मां-बाप
मल त्याग तूने कर दिया
खाना छोड़
तुझे साफ कर दिया
शिद्दत से पढ़ाया लिखाया
आज अपना वार दिया तुझ पर
बने अफसर
लक्ष्मी हुई मेहरवान तुझ पर
हुई शादी तेरी
खुश थे मां-बाप
वक्त की चाल देखो
मां बाप हुए बूढ़े
बेटा दूर होता गया
बहनों से किया किनारा
जहाँ अलग बसा लिया
आलम ये है
रूखी सूखी खाकर
खुश है मां-बाप
सहन होती नहीं
तेरी रुसवाई
बदबू आती कपड़ों से
इसी डर से पास न आई
जन्म देने वाली माई
बीमार पड़ी माँ
तेरी मजबूरियां थीं
ठिकाने लग गई
मां की ख़ाक
होने न दी उसकी रुसवाई
बचा बाप अकेला
कहां जाता
बढ़ आगे बेटियों ने
थाम लिया हाथ
बहुत हो चुका अब
सुनाता हूं खरी खरी भाई
श्राप ही है ये
तेरे घर बेटी नआई
कहना था तेरा
पापियों के घर होती बेटियां
सीता रानी झांसी
इंदिरा कल्पना चावला
पापियों के घर ही तो जन्मी थीं
आंखें खोल देख
बेटियों ने
मां-बाप के जीवन में
बेशकीमती नगीने जड़ दिए
कर गुजरा सब
ये तेरे मेरे हिसाब की बात है
तेरा हिसाब दौलत तोलता है
मेरा निभाने की कूबत तोलता है
क्या पाया तूने क्या पाया मैंने
तेरी तू ही जान
मैंने
मां का आशीर्वाद पा लिया
तभी कहता हूं
मां बाप की सेवा कर लो
स्वर्ग के सारे ऐश्वर्य धर लो
स्वर्ग क़े सारे ऐश्वर्य धर लो
मौलिक रचना
उदयवीर भारद्वाज
भारद्वाज भवन
मंदिर मार्ग कांगड़ा
हिमाचल प्रदेश 176001
मोबाइल 94181 87726
अदिति झा
07-May-2023 07:43 PM
Nice 👍🏼
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Punam verma
07-May-2023 09:26 AM
Very nice
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Abhinav ji
07-May-2023 08:44 AM
Very nice
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