Khushi jha

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उड़ान

उड़ान भरना चाहती है
 मेरी हसरतें,
मेरे दिल के अरमाँ,
मेरी चाहतें,,,
खुद के हौंसले को
बुलंद कर के छूना चाहती है,
कामयाबी की पहचान।

उड़ान भरना चाहती है,
मेरे टुटे सपने,
मेरे खोये हुए ख्वाब,
कुछ नहीं बहुत कुछ,
लिखना चाहती है अपने नाम,
इन ख्वाइशों को मैं,
यूँ ना टूटने दूंगी,
उड़ान मैं भरूँगी,
उम्मीद की किरण को,
यूँ ना बूझने दूंगीं।

हाँ एक प्यार की उड़ान,
एक मुस्कान की उड़ान,
एक चाहत एक ख्वाईश 
की उड़ान,
और उस उड़ान में
खुद की एक पहचान।

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1 Comments

🤫

30-Sep-2021 03:11 PM

वेरी नाइस..

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