Sunita gupta

Add To collaction

स्वैच्छिक विषय मिलन

मिलन लिखूँ या विरह लिखूँ
बोल ए दिल मैं आज क्या लिखूँ

लवों की हँसी लिखूँ या आँखों की नमी लिखूँ
बोल ए दिल मैं आज क्या लिखूँ

मन की प्यास लिखूँ या संताप लिखूँ
बोल ए दिल मैं आज क्या लिखूँ

दिल की खामोशी लिखूँ या मन की चीखें लिखूं
दिल मायूस है बहुत हर बात मैं कैसे लिखूँ

बोल ए दिल मैं आज क्या लिखूँ

झुकाया है आसमां भी अपने क़दमों में
मैं हर बात अब खोलकर कैसे लिखूँ

बोल ए दिल मैं आज क्या लिखूँ

दिल थोड़ा बच्चा था अक़्ल का 
थोड़ा कच्चा था
किस किस ने फेंके इस दिल पर पत्थर

मैं हर नाम को अब कैसे लिखूँ
बोल ए दिल मैं आज क्या लिखूँ

 🌷🌷शुभ वंदन प्रभात 🌷🌷
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर 

   10
3 Comments

वाह, कमाल का लिखा आपने

Reply

Reena yadav

09-May-2023 11:19 PM

👍👍

Reply