लेखनी प्रतियोगिता -14-May-2023
असफलताओं के सागर में
हैं कितने मोती दबे हुए
कितने बैठ के देख रहे
और कितने कूद के लगे हुए।
एक नाव बनालें मेहनत की
दृढ़ निश्चय की पतवार लिए
क्या घबराना इस सागर से
कब तक बैठेंगे आंख सिये।
इस मोती के लालच में
कितने आते कितने जाते हैं
जो दृढ़ निश्चय कर पाते हैं
बस वही सफल हो पाते हैं।
समय की चादर के पीछे
रखा सफलता का सोना
चल फाड़ इसे दृढ़ निश्चय से
और सफल करें पैदा होना।
दृढ़ निश्चय स्वयं सफलता है
ये सबके पास कहाँ होता
जिसके मन में दृढ़ निश्चय है
वो कभी निराश नहीं होता।
ये फूल सफलता का केवल
निश्चय के वृक्ष पे फलता है
बस वो ही पाता है इसको
जो दृढ़ निश्चय कर चलता है।
कब तक उम्मीद करें सबसे
अपना निश्चय ही साथी है
जो मिलती अपनी मेहनत से
बस वही खुशी पहुंचाती है।।
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Punam verma
15-May-2023 09:26 AM
Very nice
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Abhinav ji
15-May-2023 08:47 AM
Very nice 👍
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
15-May-2023 07:46 AM
Wahhh wahhh बहुत ही खूबसूरत रचना
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