Kiran Mishra

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लेखनी कहानी -17-May-2023

मेंहदी रस्म-

कार्य मांगलिक बड़ा, सात सुहागिन साथ। मेहदी लाकर दो सभी, मंगल करना हाथ॥

रचे मेहदी सुर्ख ये, सबके मुख पर नाम। क्या करना है बोलकर,देखो इसका काम॥

नयी - नयी है ये मगर, रंग चढ़ाए मस्त। हाथ रचा देखो सभी, खाली हो या व्यस्त॥

दीवाने इसके हुए, नहीं बोलते झूठ। कुछ ना कुछ तो खास है, बात न बोलूँ ठूॅंठ॥

सभी अधूरी रस्म है, बिन मेहदी के भाय। माँ बहनो को प्रिय अधिक, इसमें ना दोराय॥ किरण मिश्रा #निधि#

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